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संगीत की स्वरलहरियां सुन मनोरोगी हो रहे ठीक

संगीत से मनोरोगियों का इलाज

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music therapy news

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जयपुर. खामोश और अपने आप में रहने और दिखने वाले मनोचिकित्सा केंंद्र के मरीजों के मनोरंजन की जरुरत को पूरा करने के लिए यहां म्यूजिक थैरेपी का भी उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने म्यूजिक सिस्टम तथा जगह-जगह पर स्पीकर्स लगाए है, जिनमें हर समय संगीत की स्वरलहरियां सुनाई दे। वहीं अस्पताल प्रशासन में मरीजों के मनोरंजन के लिए वर्षों पहले म्यूजिक सिस्टम लगवाए गए। चित्किसालय का कहना है कि विमंदित लोगों को जल्द सामान्य करने के लिए म्यूजिक का प्रयोग एक नई पहल है। मद्धम संगीत का सीधा असर दिमाग की सोई हुई कोशिकाओं पर होता है। इससे मरीज मेंन्टल स्ट्रैस व मेंटल डिऑर्डर की स्थिति उबर जाता है। म्यूजिक थैरेपी की महत्ता को प्राचीन आयुर्वेद ग्रथों में भी दर्शाया गया है। यह म्यूजिक सिस्टम लगाने में मरीजों का इलाज के साथ मनोरंजन भी हो रहा है।

कौन-कौन से संगीत
मरीजों को लाइट क्लासिकल म्यूजिक के अलावा भजन आरतरी मंत्रोच्चार प्रवचन मस्तिष्क को शांति प्रदान करने वाला संगीत भी सुनाए जाते है।

पुरूष वार्ड में चलता है एफएम
पुरुष वार्ड में मरीजों को एफएम रेडियो सुनाया जाता है। वार्ड में कई ऐसे मरीज भी भर्ती है, जिनका मानसिक स्तर कुछ ठीक है। इन मरीजों को संगीत के साथ साथ रोचक जानकारियां तो मिलती ही है, साथ ही उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। जल्द ही पुरु ष वार्ड में भी म्यूजिक सिस्टम लगाया जाएगा।

उपचार का तरीका
मनोचिकित्सा केंद्र के चिकित्सकों ने बताया कि म्यूजिक थैरेपी के जरिए मरीजों को एक्शन की स्टडी भी की जाती है। इससे दिमाग को रिलेक्सेशन मिलता है। मेंटल स्ट्रैस में रहने वाले मरीजों के लिए म्यूजिक एक मेडिसिन का काम करता है। उन्होनें ने बताया कि संगीत की रिदम मस्तिष्क की कोशिकाओं को शांत रखती है। जिससे शरीर को आराम व शंति मिलती है।

म्यूजिक फॉर ऑल
मनोचिकित्सा केन्द्र के विभागाध्यक्ष व अधीक्षक डॉक्टर आर.के. सोलंकी बताते है कि मधुर संगीत न केवल मानसिक मरीजों को बल्कि सामान्य व्यक्तियोंं को भी मधुर संगीत अवश्य सुनना चाहिए। म्यूजिक से दिमाग पर व्याप्त तनाव दूर होता है। तथा दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ती है। इसलिए जब भी व्यक्ति का मन अशांत हो या अक्रोश में होतो उस समय उसे मधुर संगीत सुनना चाहिए। जिससे उसका मेंटल स्ट्रेस कम होने लगता है।