बच्चों के अदला-बदली के जिस मामले में एमजी अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ, अब पुुलिस की ढिलाई के चलते इसकी जांच भी तमाशा बनकर रह गई है। डीएनए जांच के लिए रक्त के नमूनों को हैदराबाद भेजा ही नहीं गया, बल्कि नमूनों को संभालने में लापरवाही की गई। ऐसे में अब पुलिस फिर से रक्त नमूने लेने की कवायद में जुटी हुई है।
सूत्रों ने बताया कि नवजात शिशुओं की बदलने के मामले का आरोप लगने के बाद सीता के परिजनों ने डीएनए जांच की मांग की थी। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने नवजात बालक तथा दोनों परिजनों के रक्त सेंपल लिए थे। अस्पताल प्रशासन ने गत 6 अक्टूबरों को इन सेंपलों को पुलिस को सौंप दिए थे। सेंपल को हैदराबाद की प्रयोगशाला भेजने से पहले पुलिस को एक फॉर्मेट भरना था। अस्पताल प्रशासन ने यह फॉर्मेट जयपुर से मंगवा कर पुलिस से भरने के लिए कहा तो जांच अधिकारी ने शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी लगी होने की बात कहकर टाल दिया। वहीं इन सेंपलों को आइस बॉक्स में नहीं रखा गया, जिससे खराब हो गए।
यह था मामला
एमजी अस्पताल में 30 सितम्बर को सज्जनगढ़ थाना क्षेत्र के मियापाड़ा गांव निवासी मीरा पत्नी करण और कुशलगढ़ क्षेत्र की सीता पत्नी भाणजी ने ऑपरेशन से दो मिनट के अंतराल में बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल कार्मिक के बच्चों को उनके परिजनों को सौंपने के बाद विवाद हुआ। सीता ने अस्पताल प्रशासन पर उसे बालक की बजाय बालिका देने का आरोप लगाया था। मामला पुलिस तक पहुंचा और इसमें जांच शुरू हुई। वहीं नवजात बालिका की कुछ दिन बाद मौत भी हो गई थी।
सेंपल जयपुर भेजे है
एमजी अस्पताल के मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. रवि उपाध्याय के अनुसार हमने सेंपल देने के बाद जयपुर से फॉर्मेट मंगवाकर कर जांच अधिकारी को इसे भरने के लिए कहा था। इस पर उन्होंने शहर की कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी पर होना बताया था।
हम पर तो आरोप है
अस्पताल के पीएमओ डॉ. दीपक नेमा का कहना है कि बच्चा बदलने के मामले में अस्पताल प्रशासन आरोप है। ऐसे में हम डीएनए जांच के लिए सेंपल हमारे रख ही नहीं सकते। हमने सेंपल लेकर अस्पताल पुलिस चौकी प्रभारी व जांच अधिकारी को सौंप दिए थे।
फिर से लेंगे सेंपल
एमजी अस्पताल चौकी प्रभारी, प्रवीणसिंह के अनुसार डीएनए जांच के लिए रक्त के सेंपल मिल गए थे। इन्हें आइस बॉक्स में नहीं रखा गया। जिससे यह खराब हो गए। अब फिर से नवजात बालक व दोनों माताओं के सेंपल लिए जाएंगे।
इनका कहना है...
कोतवाली के जांच अधिकारी एसआई श्यामलाल गुर्जर
का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने अभी तक हमें जांच के नमूने नहीं दिए।
जांच उनके द्वारा ही कराई जानी है। हमारे पास डीएनए सेंपल नहीं है। डीएनए
जांच के लिए फार्म भरने की जिम्मेदारी भी अस्पताल प्रशासन की है।