जयपुर

अंतरिक्ष यान से टकराकर बदल गया एस्टेरॉयड का रास्ता

जय विज्ञान : नासा ने 'सेव द वर्ल्ड' मिशन को बताया कामयाब, दो हफ्ते पहले हुई थी टक्कर पृथ्वी से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर वैज्ञानिकों का बड़ा कारनामा

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Oct 12, 2022
अंतरिक्ष यान से टकराकर बदल गया एस्टेरॉयड का रास्ता

वॉशिंगटन. अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बुधवार को घोषणा की कि उसका डार्ट मिशन कामयाब रहा है। इस मिशन में एक अंतरिक्ष यान लाखों मील दूर एक एस्टेरॉयड (क्षुद्र ग्रह) से टकराया और उसका पथ मामूली बदलने में सफल रहा। नासा ने इस मिशन को 'सेव द वर्ल्ड' नाम दिया था। पृथ्वी की ओर भविष्य में आने वाले घातक एस्टेरॉयड की दिशा बदलने की कोशिश के तहत नासा ने अपनी तरह का यह पहला प्रयोग दो हफ्ते पहले किया था। पृथ्वी पर अंतरिक्ष से आने वाली चट्टानों का खतरा बना रहता है।

नासा के मुताबिक उसकी ओर से भेजे गए अंतरिक्ष यान डार्ट ने डिमोरफोस नाम के एस्टेरॉयड से टकराकर उसमें एक गड्ढा बनाया। इससे उसका मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और धूमकेतु की तरह हजारों मील लंबी धूल तथा मलबे की रेखा बन गई। यान के असर को आंकने के लिए दूरबीन से कई दिन तक निगरानी की गई, ताकि पता चल सके कि 520 फीट लंबे इस क्षुद्र ग्रह के रास्ते में कितना बदलाव हुआ है।

32 मिनट घट गई एस्टेरॉयड की रफ्तार
स्पेसक्राफ्ट के टकराने से पहले यह क्षुद्र ग्रह दूसरे क्षुद्र ग्रह का चक्कर लगाने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लेता था। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन का मानना है कि टक्कर के बाद इस समय में 32 मिनट की कमी आई है। वेंडिंग मशीन के आकार के यान को पिछले साल प्रक्षेपित किया गया था। यह करीब 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर 22,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से क्षुद्र ग्रह से टकराया।

धरती पर खतरे टालने के सूत्र मिले
टक्कर के बाद जांच दल ने दुनियाभर की कई ऑब्जर्वेटरी से डेटा इकट्ठा किया। डार्ट मिशन की कोऑर्डिनेशन प्रमुख नैन्सी चाबोट ने कहा, डार्ट ने हमें अपने ग्रह को बचाने से जुड़ी टेक्नोलॉजी का कुछ महत्त्वपूर्ण डेटा दिया है। उम्मीद है कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए किसी भी एस्टेरॉयड को धरती पर तबाही से रोका जा सकेगा।

Published on:
12 Oct 2022 11:11 pm
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