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नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की एग्रीकल्चर ट्रेनी भर्ती परीक्षा में नकल का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने संदिग्ध परीक्षा सेंटरों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। छेड़छाड़ रोकने के लिए इन सेंटरों पर पुलिस गार्ड तैनात किए गए हैं। डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार के अनुसार, छह परीक्षा सेंटरों में से चार पर नकल के पुख्ता सबूत मिले हैं, जबकि दो अन्य सेंटरों को भी संदिग्ध मानते हुए निगरानी बढ़ाई गई है। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) टीम सभी परीक्षा सेंटरों के कम्प्यूटरों की जांच कर रही है।
टीम यह पता लगाएगी कि इनमें एनी डेस्क, एमी या अन्य रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हैं या नहीं। इन सॉफ्टवेयर के उपयोग का समय और अन्य तकनीकी जानकारी जुटाई जाएगी, ताकि पहले हुई परीक्षाओं में भी गड़बड़ी का खुलासा हो सके।
विशेषज्ञों के अनुसार, परीक्षाएं नेटबूट सिस्टम के तहत आयोजित होनी चाहिए। नेटबूट से इंटरनेट डिसेबल रहता है, जिससे हैकिंग या रिमोट सॉफ्टवेयर के जरिए गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है। एग्रीकल्चर ट्रेनी भर्ती परीक्षा नेटबूट के जरिए नहीं करवाई जा रही थी।
पुलिस के अनुसार परीक्षा सेंटर संचालक एक-दूसरे के लिए दलाली का काम करते हैं। परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं मिलने पर कुछ सेंटर संचालक अन्य सेंटरों से मिलकर नकल करने के लिए अभ्यर्थियों को चिह्नित करते हैं।
पुलिस ने नकल के आरोप में एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जबकि कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है। हरियाणा निवासी परमजीत और जोगेंद्र की गिरफ्तारी के बाद यह पता चलेगा कि अन्य जिलों या राज्यों में भी नकल का यह रैकेट फैला हुआ है या नहीं।
प्रताप नगर स्थित टैगोर भारती स्कूल में आए परीक्षा सेंटर पर मंगलवार को एफएसएल टीम ने जांच की। हालांकि अभी एफएसएल ने जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है। जबकि संदिग्ध जेएनएम नर्सिंग कॉलेज सहित नकल करवाने वाले वैदिक कॉलेज मानसरोवर, आइटी इन्फ्रा कूकस, हैरिटेज वायुना स्कूल खातीपुरा और द लॉरेंस स्कूल मानसरोवर परीक्षा सेंटर पर भी एफएसएल जांच करेगी।
Published on:
08 Jan 2025 08:59 am
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