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नए जमाने की स्कूलिंग, 200 में 100 दिन घर से ऑनलाइन पढ़ाई

कोरोना काल : स्कूल खोलने के लिए नया मॉडल तैयार कर रहा एचआरडी मंत्रालय

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जयपुर

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Anoop Singh

May 29, 2020

नए जमाने की स्कूलिंग, 200 में 100 दिन घर से ऑनलाइन पढ़ाई

नए जमाने की स्कूलिंग, 200 में 100 दिन घर से ऑनलाइन पढ़ाई

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के चलते आम लोगों की जीवनशैली में बड़े बदलाव सुनिश्चित हैं। ऐसा ही बड़ा बदलाव देश की स्कूली शिक्षा में लाने की तैयारी है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों के मौजूदा 220 शिक्षणदिवस या स्कूलों में 1,320 शिक्षण घंटे के मॉडल को 'स्कूल और घर में मिली-जुली पढ़ाईÓ से बदलने की तैयारी में है। नए प्रस्तावित मॉडल के तहत स्कूलों में पढऩे के समय को 100 दिन या 600 घंटे तक कम करके इस समय को 'घरों पर सक्रिय पढ़ाईÓ में बदल दिया जाएगा। वहीं स्कूलों में भी इतने ही समय यानी 100 दिन या 600 घंटे पढ़ाई होगी। बचे हुए 120 घंटे या 20 दिन (हर माह दो दिन) विद्यार्थियों के भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए स्कूलों या घरों में डॉक्टरों, काउंसलर्स आदि के लिए तय कर दिए जाएंगे।
30-50त्न बच्चे ही रहेंगे स्कूलों में
एक बार में 30-50त्न से ज्यादा बच्चे स्कूलों में मौजूद न रहें। इसके लिए ग्रेडेट फॉर्मेट या दोहरी शिफ्ट को कहा जाएगा। कक्षा 1 से 5 तक ं को सप्ताह में केवल 3 दिन और कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को सप्ताह में 2 से 4 दिन और कक्षा 9 से 12 तक छात्रों की 4 से 5 दिन कक्षाएं लगेंगी।
45 मिनट की जगह 30 मिनट का पीरियड
साप्ताहिक टाइम टेबल सिस्टम जिसमें पीडियड का समय 45 मिनट से घटाकर 30 मिनट करने की भी सलाह दी जाएगी। कुछ विषयों के एकीकृत पढ़ाई के लिए एक घंटे के विशेष पीरियड की योजना भी प्रस्तावित की जा सकती है।
लचीले नियम, घर से पढऩे की छूट
उपस्थिति की अनिवार्यता और बीमारी के लिए छुट्टी के प्रावधानों को काफी लचीला बनाया जाएगा। इनमें माता-पिता की सहमति से इच्छुक विद्यार्थियों को उचित नियमों के साथ घर से पढऩे की छूट देना का प्रस्ताव भी शामिल है।
क्विज और प्रोजेक्ट ज्यादा
सूत्रों के अनुसार मानव संसाधान विकास मंत्रालय पेन और पेपर पर आधारित मूल्यांकन व्यवस्था को हतोत्साहित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके बजाय कक्षाओं में भूमिका अदा करना, क्विज व प्रजेंटेशन्स और घरों पर प्रोजेक्ट वर्क आदि शामिल हैं।
मिड डे मील की जारी होगी गाइडलाइन
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के लिए अलग गाइडलाइन जारी होंगी। इनमें सब्जियों को नमक-हल्दी के घोल से धोने सहित खाना बनाने वाले व सहायकों की रोजाना थर्मल स्कैनिंग और बर्तनों को सैनेटाइज प्रक्रियाएं होगी।
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एसओपी
स्कूल, कक्षा, स्कूल बस-ऑटो, लैब, खेल के मैदान व अन्य सभी तरह गतिविधियों के दौरान उचित सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी किए जाएंगे।
वंचितों को तरजीह
सभी स्कूलों से ऐसे वंचित बच्चों पर ध्यान केंद्रित करने को कह सकता है जिनके पास ऑनलाइन सुविधाएं व सीखने के साधन उपलब्ध नहीं।
नहीं काटे जाएंगे नाम
पलायन वाले इलाकों में मौजूद स्कूलों से फौरन ही ऐसे बच्चों को नाम न काटने को कहा जाएगा जो अपने गृहराज्य या गृहजनपद में पलायन कर गए हैं।
आउटडोर क्लास: जहां संभव हो अस्थायी आउटडोर क्लास बनाएं जाएं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
6 फुट की दूरी: क्लास रूम में, स्टाफ रूम, रिसेप्शन आदि में 6 फीट की दूरी।
प्रवेश व निकासी : प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग लेन। निकासी के कई रास्ते होंगे व प्रवेश के सीमित।
स्कूल परिवहन: स्कूल बस आदि की रोज दो बार सैनेटाइजेशन होगा। एक सीट पर एक बच्चा ही बैठेगा। बस में कोई पर्दा नहीं होगा।
टाइमटेबल: कक्षा 1-8 के लिए एनसीईआरटी बनाएगा।
स्कूल बैग: कक्षा 5 के बच्चों को आदर्श रूप में कोई स्कूल बैग नहीं ले जाना होगा।