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New Corona Variant : कोरोना के खतरे के बीच डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार, कहीं ला ना दे नई मुसिबत

locationजयपुरPublished: Dec 07, 2021 12:38:35 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

New Corona Variant: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने सरकार के सामने बड़ी परेशानी पैदा कर दी है। अगर रेजीडेंट की मांगों का समय रहते समाधान नहीं निकला तो एक बार फिर से लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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New Corona Variant : जयपुर . प्रदेश में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने सरकार के सामने बड़ी परेशानी पैदा कर दी है। अगर रेजीडेंट की मांगों का समय रहते समाधान नहीं निकला तो एक बार फिर से लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

नीट पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले 10 दिनों से हड़ताल पर हैं। अपने आंदोलन को तेज करते हुए उन्होंने अब इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार भी शुरू कर दिया है। अपनी मांगों को लेकर रेजीडेंट डॉक्टर्स कई बार सरकार के आला अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन उनकी मांगों पर अभी कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है।

रेजीडेंट डॉक्टर्स ने चार दिन पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर उन्हें 8 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा था, साथ ही चेतावनी दी थी कि उनकी मांगों पर सरकार की ओर से लिखित में आश्वासन नहीं दिया गया तो वे सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे। उसके बाद आज निदेशालय चिकित्सा शिक्षा में शिवांगी स्वर्णकार की अध्यक्षता में रेजीडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया। मांगों का लिखित आश्वासन पर बात नहीं बनने पर रेजिडेंट ने सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है।

जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अमित यादव ने बताया कि शाम पांच बजे रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल एवं अधिकारियों की वार्ता हुई। इसमें रेजिडेंट डॉक्टरों की समस्त आठ सूत्री मांगों को जायज माना गया, पर किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया गया। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने मांगों पर उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श करने की बात की। इस कारण वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त कर दी गई। उन्होंने कहा कि जब तक वार्ता का सकारात्मक परिणाम नहीं आता हैए तब तक सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।

यह हैं मांगें
नीट पीजी काउंसलिंग में देरी ना हो, इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने, एडमिशन बैच 2019-20 के डॉक्टर्स को पेपर प्रजेंटेशन, पोस्टर व थीसिस सबमिट करने में अधिक समय देने, रेजिडेंट चिकित्सकों से भामाशाह और चिरंजीवी योजना संबंधित अतिरिक्त कार्य ना करवाया जाए, वेतन आहरण संबंधित मामलों का निस्तारण, पीजी के बाद तीन इंक्रीमेंट देने, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 2019 के बैच की फीस विसंगति को दूर करने, सीनियर रेजिडेंसी सीटें उपलब्ध कराने की मांगें राज्य सरकार से की गई है।

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