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वाहन चालकों के लिए बडी खबर, अगर गाडी के नंबर यह है तो जाने कब तक करा सकते हैं प्रदूषण जांच

locationजयपुरPublished: Jan 03, 2018 09:38:31 pm

Submitted by:

Pankaj Chaturvedi

पीयूसी होगा अनिवार्य, अंतिम तिथि तक नहीं लेने पर देना होगा जुर्माना

jaipur
जयपुर। वाहन चालकों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) अनिवार्य करने की राजस्थान मोटरयान प्रदूषण जांच केन्द्र योजना (ऑनलाइन) को लागू करने में एक बार नाकाम होने के बाद परिवहन विभाग ने अब ये प्रमाण पत्र बनाने के लिए नया फॉर्मूला तय कर दिया है।इसमें परिवहन विभाग ने सभी श्रेणी के वाहनों की नम्बर सीरीज को आधार बनाया है। सीरीज विशेष के नम्बर वाले वाहन चालकों के लिए प्रमाण पत्र लेने की समयसीमा भी तय की है। वाहन चालकों को पीयूसी प्रमाणपत्र लेने की अंतिम तिथियां 15 फरवरी से 15 जून तक रखी गई है। योजना सबसे पहले जयपुर जिले में लागू होगी। परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र अग्रवाल ने बुधवार को यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि नियत समय में पीयूसी नहीं लेने पर फिर जुर्माना राशि वसूली जाएगी, जो दुपहिया वाहनों के लिए 200 से 500 रुपए और चौपहिया वाहनों के लिए 500 से एक हजार रुपए तक होगी।
नम्बर सीरीज- अंतिम तिथि

0 से 2000 : 15 फरवरी तक
2001 से 5000 : 15 अप्रेल तक
5001 से 9999 : 15 जून तक


18 लाख पर 236 केन्द्र

सीरीज के नम्बरों के आधार पर पीयूसी लेने का फॉर्मूला इजाद करने के लिए पीछे एक बड़ा कारण जिले में जांच केन्द्रों की कमी भी रहा। जिले में तकरीबन 18 लाख वाहन हैं, जबकि जांच केन्द्र सिर्फ 236 ही हैं। एेसे में विभाग को लग रहा था कि एक साथ सभी वाहनों के लिए अंतिम तिथि देते हैं तो यह संभव नहीं होगा। इसीलिए नम्बरों के आधार पर अलग-अलग अंतिम तिथियां दी हैं। अगले महीनों को विभाग जांच केन्द्रों की संख्या भी 500 तक करने की तैयारी कर रहा है।

पहले बढ़ानी पड़ी थी तिथि
परिवहन विभाग ने 4 अक्टूबर को राजस्थान मोटरयान प्रदूषण जांच केन्द्र योजना- 2017 लॉन्च कर एक माह में पीयूसी लेना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन तीन नवम्बर को समय सीमा बीतते वक्त पेट्रोल पम्पों पर बड़ी संख्या में कतारें लग गई और विभागीय सॉफ्टवेयर भी हांफने लगा। हालात देखते हुए समय सीमा को एक के स्थान पर तीन माह किया, जिसकी अंतिम तिथि तीन जनवरी को समाप्त हो गई।

अगले चरण में एनसीआर के जिले

पहले चरण में जहां पीयूसी की अनिवार्यता जयपुर जिले में होगी, वहीं अगले चरण में इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तहत आने वाले अलवर और भरतपुर जिलों में लागू किया जाएगा। इन जिलों में जांच केन्द्र बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। जयपुर जिले में अब तक विभाग ने 6.23 लाख वाहनों के पीयूसी जारी किए हैं।
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