
जयपुर। केंद्र सरकार ने दूरसंचार अधिनियम 2023 ( New Telecommunication Act ) को आंशिक रूप से 26 जून को लागू कर दिया है। आंशिक रूप से मतलब ये है कि इस कानून की कुछ धाराओं के नियम लागू हो गए हैं। नए टेलिकम्युनिकेशन एक्ट के तहत केंद्र व राज्य सरकारें आपात स्थिति के दौरान नेटवर्क या टेलीकॉम सर्विस सेस्पेंड कर सकती हैं, मैसेज प्रसार को जहां चाहे रोक सकती हैं। साथ ही, अब से नागरिकों के सिम रखने का अधिकार भी सीमित हो जाएगा। नए आदेश के मुताबिक, अब भारत का कोई भी नागरिक जिंदगी भर 9 से ज्यादा सिम कार्ड नहीं ले सकेगा। इससे ज्यादा सिम खरीदने पर 50 हजार से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना देना होगा और फर्जी तरीकों से सिम लेने पर 3 साल जेल और 50 लाख तक का जुर्माना लगेगा।
गौरतलब है कि राजस्थान में आए दिन साइबर ठगी की वारदातें सामने आ रही हैं। डीग का मेवात क्षेत्र साइबर ठगी के लिए पूरे देश में बदनाम है। बीते 3 साल में साइबर ठगी में इस्तेमाल की जा रही 2,05,552 फर्जी सिमों को राजस्थान पुलिस ने ब्लॉक कराया गया है। साथ ही 2, 17,504 मोबाइल आईएमईआई हैंडसेट को ब्लॉक कराया गया है। राज्य में बीते तीन साल में लोगों के साथ 1 अरब 65 करोड़ रुपए से अधिक की साइबर ठगी हो चुकी है। गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 के दौरान प्रदेश में साइबर ठगी के कुल 4,567 मामले दर्ज हुए, जिनमें से राजधानी जयपुर और जोधपुर के लोग सबसे ज्यादा ठगी का शिकार बने।
टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मोबाइल धारकों को डिजिटल केवाईसी करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए फिलहाल 30 जून अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। केवाईसी नहीं करवाने की स्थिति में एक जुलाई से ऐसे मोबाइल धारकों की सिम बंद हो जाएगी। प्रीपेड एवं पोस्टपेड दोनों तरह के सिम का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को केवाईसी करवाना जरूरी है। इसके तहत मोबाइल नंबर को आधार से लिंक किया जाएगा। राष्ट्रीय सुरक्षा व फर्जी तरीके से सिमों का उपयोग रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
मोबाइल पर फोन करने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए अब किसी ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगा। अब कॉल करने वाले के नंबर के साथ उसका नाम भी दिखेगा। यहां पढ़ें पूरी ख़बर..
Published on:
27 Jun 2024 04:29 pm
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