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अब बच नहीं पाएगा ट्रैफिक नियम तोडऩे वाला, ये सिस्टम होने वाला है लागू, खर्च होंगे 120 करोड़ रुपए

जयपुर शहर में अब ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की खैर नहीं है क्योंकि ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड अब शहर में नया सिस्टम लागू करने वाला है। सडक़ों पर लोगों को सफर सुरक्षित हो, इसके लिए शुक्रवार को ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड ( Traffic Control Board ) की बैठक हुई। जिसमें तय हुआ कि शहर में इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (Integrated Transport System) लागू किया जाएगा...

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जयपुर

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Dinesh Saini

Nov 02, 2019

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जयपुर। जयपुर शहर में अब ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की खैर नहीं है क्योंकि ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड अब शहर में नया सिस्टम लागू करने वाला है। सडक़ों पर लोगों को सफर सुरक्षित हो, इसके लिए शुक्रवार को ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड ( Traffic Control Board ) की बैठक हुई। जिसमें तय हुआ कि शहर में इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (Integrated Transport System) लागू किया जाएगा। इससे यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सीसीटीवी कैमरे की सटीक नजर रहेगी। इसमें करीब 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह राशि जयपुर स्मार्ट सिटी, परिवहन विभाग के रोड सेफ्टी फंड और पुलिस आधुनिकीकरण के फंड से जुटाई जाएगी। इसके तहत 36 स्थानों पर एलईडी डिस्प्ले बोर्ड, 42 स्थानों पर हाईमास्ट लाइट, शहर भर में 697 स्थानों पर 1789 यातायात उल्लघ्ंान विश्लेषक कैमरे लगाए जाएंगे। इस सिस्टम को लागू करने के लिए यातायात पुलिस की ओर से कई जरूरतें बताई गई।

साथ ही बैठक में एमएनआईटी के सामने रोड कट और आरसीडीएफ के सरस पार्लर को बंद करने का चौंकाने वाला फैसला लिया गया। तर्क था कि इससे सडक़ पर ट्रैफिक का दबाव कम हो सकेगा। इसके अलावा सी-जोन बाइपास की सर्विस रोड को दुरुस्त करने, लोगों को पैदल चलने के लिए शहर के फुटपाथ को भी सही करने पर भी चर्चा हुई। बैठक में इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने की भी बात कही गई। वहीं जेडीए सर्किल, ओटीसी, रामबाग चौराहे समेत शहर के दस चौराहों पर हादसों को देखते हुए इनकी डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। ताकि यहां होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। इसके लिए जेडीए ने डेढ़ करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है। जेडीसी टी रविकांत ने बताया कि इन फैसलों को जल्दी अमल में लाया जाएगा।

ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए जेएलएन मार्ग के सरस पार्लर को बंद करने की बजाय यहां फुट ओवर या अंडर ब्रिज बनाया जा सकता था। बैठक में आरसीडीएफ के जो प्रतिनिधि गए थे, उनसे इसकी चर्चा की गई है। बैठक में गए आरसीडीएफ, विपणन के एके अग्रवाल मौजूद थे।

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