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एलएसी पर नए हथियार…गहराए युद्ध के आसार

भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने डटी हुई हैं। उधर, लद्दाख के इस अशांत इलाके में जैसे-जैसे बर्फ पिघल रही है, वैसे-वैसे चीनी सेना अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। चीन अब भी नए-नए हथियारों की तैनाती कर भारत को उकसाने का काम कर रहा है।

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एलएसी पर नए हथियार

एलएसी पर नए हथियार...गहराए युद्ध के आसार

भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर असहज शांति बनी हुई है। पिछले साल ठंड की शुरूआत में दोनों देशों की सेनाओं ने कोर कमांडर मीटिंग में बनी सहमति के बाद पैंगोंग त्सो झील के दोनों किनारों से अपने-अपने सैनिकों को हटा लिया था। भारत ने तब उम्मीद की थी कि शायद चीन गोगरा-हॉटस्प्रिंग, डेपसांग और डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुला ले, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। चीन अब भी नए-नए हथियारों की तैनाती कर भारत को उकसाने का काम कर रहा है।

दोनों देश कर रहे हथियारों की तैनाती
चीन की संदिग्ध हरकतों को देखकर भारत ने भी सीमा पर नए नए हथियारों की तैनाती शुरू कर दी है। भारतीय सेना लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में चीन से निपटने के लिए रूस में बने लाइटवेट स्प्रुट-एसडी टैंक को खरीदने पर विचार कर रही है। इतना ही नहीं, इजरायल से खरीदे गए चार हेरोन टीपी ड्रोन को भी निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा।

बेहद मारक है रूसी टैंक
रूस का स्प्रुट-एसडी टैंक वजन में काफी हल्का है। इस कारण पहाड़ी इलाकों में आसानी से पहुंचाया जा सकता है। हल्का होने के बावजूद इस टैंक की मारक क्षमता काफी ज्यादा है। इसमें 125 एमएम की गन लगी हुई है, जिसे रिमोट कंट्रोल के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है।

वज्र तोप के खिलाफ चीन की पीसीएल-181
भारतीय सेना ने दक्षिण कोरिया की तकनीकी पर बनी के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर की लद्दाख में तैनाती की है। चीन ने भी इसके जवाब में पहले से ही 155 एमएम कैलिबर की पीसीएल-181 सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर तैनात कर रखा है।

इधर पिनाका तो उधर पीएचएल-3
चीन ने एलएसी पर पीएचएल-33 लॉन्ग-रेंज मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को तैनात किया है। रिपोर्ट के अनुसार, नए पीएचएल-3 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर्स की 10 यूनिट को लद्दाख के नजदीक तैनात किया गया है। जबकि, इसके जवाब में भारत की तरफ से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को तैनात किया गया है।

जेड-20 करेगा चिनूक का सामना
चीन ने भारत के चिनूक ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर के जवाब में अपने जेड-20 हेलिकॉप्टर को तैनात किया है। चीन का दावा है कि यह हेलिकॉप्टर किसी भी मौसम में सैनिकों और सैन्य साजो सामान को पहुंचा सकता है। इसके अलावा जेड-8जी विशाल ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर भी तैनात किया गया है।

अपाचे के मुकाबले जेड-10 ए
भारत के अपाचे के जवाब में चीन ने लद्दाख में जेड-10 ए अटैक हेलिकॉप्टर को तैनात किया हुआ है। पिछले साल चीन ने इस हेलिकॉप्टर के लाइव फायर ड्रिल को भी आयोजित किया था। जेड-10 हेलिकॉप्टर को मुख्य रूप से दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करने के लिए विकसित किया गया है। इस हेलिकॉप्टर में गनर आगे की सीट पर जबकि पायलट पीछे की सीट पर बैठा रहता है।

चीनी लाइट टैंक के सामने भारत का भीष्म
चीन ने लद्दाख में टाइप-15 लाइट टैंक को तैनात किया हुआ है। ये टैंक पठारी क्षेत्रों में तेजी से प्रतिक्रिया कर लड़ाई को घातक बना सकते हैं। भारत ने लद्दाख में जिन टी-90 टैंकों की तैनाती की हैं, वे रूस में बने हैं। भारत के बेड़े में करीब साढ़े 4 हजार टैंक हैं।