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गहलोत सरकार की ‘झंझट’ बने झाझड़िया

भारतीय डाक सेवा के अधिकारी प्रतीक झाझड़िया के प्रभाव में श्रम विभाग के एक और अधिकारी व दलाल को भी अभयदान मिला था। एसीबी ने रिश्वत के तीन लाख रुपए के साथ तत्कालीन श्रम आयुक्त झाझड़िया के घर से साढ़े पांच लाख रुपए भी बरामद किए थे।

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ओमप्रकाश शर्मा/जयपुर. भारतीय डाक सेवा के अधिकारी प्रतीक झाझड़िया के प्रभाव में श्रम विभाग के एक और अधिकारी व दलाल को भी अभयदान मिला था। एसीबी ने रिश्वत के तीन लाख रुपए के साथ तत्कालीन श्रम आयुक्त झाझड़िया के घर से साढ़े पांच लाख रुपए भी बरामद किए थे। इसके अलावा श्रम कल्याण अधिकारी रमेश मीणा के करौली स्थित घर से करीब 11 लाख रुपए बरामद हुए थे। इसके बावजूद एसीबी ने अपनी ही एफआईआर में उल्लेखित आरोप साबित नहीं माने और झाझड़िया व उसके साथ गिरफ्तार विशेषाधिकारी रवि मीणा व दलाल अमित के खिलाफ भी एफआर पेश कर दी। हालांकि अभी अदालत ने यह एफआर स्वीकार नहीं की है।

इस मामले को भुलाकर सरकार ने झाझड़िया को एक दिन पहले फिर उसी विभाग में संयुक्त सचिव का पद दिया है। प्रतीक झाझड़िया से जुड़ा भ्रष्टाचार का यह मामला प्रकाश में आया तो सरकार बैकफुट पर नजर आई। तबादले के अगले दिन मंगलवार को प्रतीक झाझड़िया ने नए पद पर जॉइन नहीं किया है। वह राजस्थान बुनकर संघ लि. में प्रबंध निदेशक पद से मंगलवार को रिलीव हुए। एसीबी ने जून 2021 में कार्रवाई की थी, तब वह श्रम आयुक्त थे।

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कुछ ने तबादले में बदलाव की लगाई गुहार
राज्य सरकार ने एक दिन पहले ही 74 आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है, उसमें बदलाव की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। तबादला सूची में शामिल कुछ अधिकारियों ने बदलाव की गुहार लगाई है। अब देखना है कि सरकार में इनकी सुनवाई होती है या नहीं। सूत्रों के अनुसार तबादला सूची में कुछ संशोधन हो सकता है। इसके बाद नई तबादला सूची के अनुसार अधिकारी जॉइन करेंगे।

गिरफ्तारी के साथ ही दिखे ‘भारी’
गिरफ्तारी के साथ ही एसीबी पर प्रतीक झाझड़िया भारी दिखे। मामले में जांच अधिकारी भी बदले गए। इसके बाद एसीबी ने अपनी ही कार्रवाई में पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाए और मामले में नवम्बर 2022 में एफआर पेश कर दी। इससे न केवल प्रतीक बल्कि रवि मीणा, दलाल अमित व विभाग के अन्य अधिकारियों को भी अभयदान मिल गया। रवि मीणा को श्रम विभाग से ही जुड़े भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया। उस मामले में उसके खिलाफ कार्रवाई जारी है।
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घर पहुंचा था 3 लाख की बंधी लेकर
एसीबी की एफआईआर के अनुसार आर्थिक सलाहकार परिषद के तत्कालीन विशेषाधिकरी रवि मीणा व दलाल अमित करौली के श्रम कल्याण अधिकारी रमेश मीणा की ओर से तीन लाख रुपए की बंधी लेकर झाझड़िया के घर पहुंचे थे। एसीबी ने उन्हें झाझड़िया के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया। ट्रैप कार्रवाई के बाद तलाशी में प्रतीक के घर साढ़े पांच लाख रुपए तथा करौली में रमेश मीणा के घर करीब 11 लाख रुपए बरामद हुए।

अदालत में अभी स्वीकार नहीं हुई एफआर
प्रतीक झाझड़िया से जुड़े मामले में एसीबी ने जो एफआर (अन्तिम रिपोर्ट) पेश की है, वह अभी अदालत में लम्बित है। अदालत तय करेगी कि एसीबी ने तफ्तीश के बाद जो निर्णय दिया है वह सही है या गलत। अदालती प्रक्रिया पूरी नहीं होने की स्थिति में प्रतीक झाझड़िया एसीबी में जब्त अपने साढ़े पांच लाख रुपए भी नहीं छुड़वा पाए हैं।


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