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नींदड़ बचाओ आंदोलन: गड्ढों में रहकर ही चाँद का दीदार करेंगी महिलाएं, वहीं खोलेंगी करवा चौथ का व्रत

किसानों ने अपनी मांग को लेकर अन्‍न का त्‍याग करके आंदोलन को और भी तेज कर दिया हैं...

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जयपुर

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Rajesh

Oct 08, 2017

Ninder Andolan

जयपुर

सीकर हाइवे स्थित नींदड़ में जयपुर विकास प्राधिकरण की प्रस्‍तावित आवासीय कॉलोनी में 1350 बीघा जमीन अवाप्‍ति भूमि को निरस्‍त करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले 21 दिन से लगातार जारी हैं तो वही पिछले 7 दिनों से किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए जमीन समाधी सत्‍याग्रह कर रहे हैं।


किसानों ने अपनी मांग को लेकर अन्‍न का त्‍याग करके आंदोलन को और भी तेज कर दिया हैं। अब धरना स्‍थल पर आंदोलनकारियों की संख्‍या बढने लगी हैं। इसके लिए जेसीबी से और गड्ढे खुदवाये जा रहें हैं। दूसरी और आज करवा चौथ का व्रत हैं ओर आंदोलन में शामिल महिलाओं ने गड्ढों में रहकर ही करवा चौथ का व्रत करेगी और यहीं व्रत की कहानी सुनेगी।


नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर डॉं नगेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में जेडीए की जमीन अवाप्ति के विरोध में नींदड़ गाँव के किसान और कालोनीवासीयों द्वारा किये जा रहे जमीन समाधि सत्याग्रह का आठवां दिन हैं । जमीन समाधि सत्याग्रह पर कल 22 पुरुष और 11 महिलायें बैठी थी और अन्न भी त्याग दिया था जो आज भी बैठे हैं। साथ ही आज से 30 अन्य लोग भी जमीन समाधि सत्याग्रह पर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं।

किसानों का पक्ष
संघर्ष समिति संयोजक नगेन्द्र सिंह शेखावत ने दावा किया कि जेडीसी के साथ दो दिन पहले हुई वार्ता में सर्वे के बिंदुओं पर सहमति बन चुकी थी। अब समन्वय समिति के गठन पर ही चर्चा होनी थी, उपायुक्त पुन: इन बिंदुओं पर चर्चा की बात कहते रहे। इसलिए वार्ता के लिए नहीं गए।

जेडीए का तर्क
जेडीए ने भी साफ कर दिया है कि एक-दो बिंदुओं पर जिला प्रशासन के स्तर पर चर्चा होनी थी। नियमों के मद्देनजर ही फैसला हो सकता है। समिति पदाधिकारियों को इस बारे में बता दिया था।

इधर किसानों का समर्थन
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा, किसान जमीन बचाने के लिए लड़ रहे हैं लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही। किसान चाहते हैं कि सरकार पुन: सर्वे कराए। अवाप्ति होने की स्थिति में भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से उचित पुनर्भरण किया जाए। सभी लोगों को उचित जगह जमीन दी जाए। अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष पेमाराम ने भी किसानों का समर्थन किया है।