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72 घंटे का नोटिस दिए बिना होटल-बिल्डिंग पर नहीं की जाए कार्रवाई : राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने दिल्ली रोड स्थित एक होटल के पर्यावरण स्वीकृति बिना निर्माण के मामले में कहा है कि 72 घंटे का नोटिस दिए बिना बिल्डिंग पर कार्रवाई नहीं की जाए।

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राजस्थान हाईकोर्ट ने दिल्ली रोड स्थित एक होटल के पर्यावरण स्वीकृति बिना निर्माण के मामले में कहा है कि 72 घंटे का नोटिस दिए बिना बिल्डिंग पर कार्रवाई नहीं की जाए। साथ ही, कहा कि मामले पर नियमित कोर्ट में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है, ऐसे में अवकाशकालीन कोर्ट का प्रकरण के किसी पहलू पर विचार करना उचित नहीं होगा।

न्यायाधीश अशोक जैन की अवकाशकालीन पीठ ने कान्हा होटल्स एंड स्पा प्राइवेट लिमिटेड की याचिका में पेश प्रार्थना पत्र पर यह आदेश दिया। इस पर कोर्ट ने कहा कि मात्र समाचार के आधार पर होटल की बिल्डिंग तोड़ने की आशंका जताते हुए प्रार्थना पत्र दायर किया गया है। केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आर.डी. रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने कूकस के पास पांच सितारा होटल का निर्माण कर उसे होटल ताज आमेर को लीज पर दे दिया। याचिकाकर्ता ने जेडीए से वर्ष 2011 में नक्शे पास कराए, लेकिन तय अवधि में निर्माण आरंभ नहीं किया।

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होटल नाहरगढ़ वन्य जीव अभयारण्य से सिर्फ 95 मीटर दूर है, जबकि अभयारण्य से एक किमी के दायरे में इस तरह की गतिविधि संचालित नहीं की जा सकती। ऐसे निर्माण के लिए पर्यावरण स्वीकृति आवश्यक है, लेकिन याचिकाकर्ता ने स्वीकृति नहीं ली। याचिकाकर्ता ने पिछले साल राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से स्वीकृति के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे बोर्ड ने 22 फरवरी को खारिज कर दिया। इसके बाद इको सेंसेटिव जोन की मॉनिटरिंग कमेटी ने इसे तोड़ने के लिए जेडीए को लिखा। याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई आदेश पेश नहीं किया, जिससे लगता हो कि जेडीए होटल तोड़ने जा रहा है और जेडीए काे पक्षकार भी नहीं बनाया।


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