पुलिस का अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास अब 'दरकनेÓ लगा है। लगातार बढ़ते अपराध और अपराधियों को पकडऩे में नाकाम रहने से पुलिस की छवि आम जनता के बीच खराब हो रही है। कमजोर रणनीतियां और लोगांें से जुड़ाव की कमी असफलता के मुख्य कारण बनकर उभरे हैं। पुलिस का न बीट सिस्टम अपडेट है, न सजगता और न ही संसाधन। जितना कुछ मौजूद है उसका भी सही सदुपयोग नहीं होता। पिछले दिनों की वारदातें पुलिस की असफलता बयान करती है। पुलिस के तमाम हालातों पर बिंदुवार विश्लेषण करती पत्रिका की रिपोर्ट