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अब सिर्फ वर्टिकल विकास पर जोर, श्वांस रोग संस्थान में भी बनेगा टावर

एसएमएस, महिला, जनाना के बाद अब 50 करोड़ की लागत से इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी टावर को दी मंजूरीपहले चरण को 12.5 करोड़ रुपए जारी

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जयपुर

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Vikas Jain

Aug 30, 2023

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विकास जैन

जयपुर. सवाईमानसिंह अस्पताल, महिला चिकित्सालय, जनाना और गणगौरी अस्पताल के बाद अब शास्त्री नगर के श्वांस रोग संस्थान में भी बहुमंजिला आईपीडी टावर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण की स्वीकृति दी है। अभी यह अस्पताल बड़े भू भाग में फैला है, जिसका काफी हिस्सा अनुपयोगी है। सरकार ने अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी टॉवर निर्माण की स्वीकृति दी है। निर्माण का पहला चरण पूरा करने के लिए 12.5 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी गई है। यह टावर अस्पताल में मौजूदा प्रशासनिक ब्लॉक और वार्ड परिसरों के पीछे की तरफ खाली भू भाग पर बनाया जाएगा। टावर में एक बेसमेंट के अलावा एक भूतल और चार मंजिल होगी।

एक ही परिसर में ओपीडी, इलाज व जांच

यह टावर सिर्फ श्वांस से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए तैयार किया जाएगा। टीबी के मरीजों का परिसर अलग रहेगा। इस टावर में इमरजेंसी, ओपीडी, सभी जांच और गंभीर मरीजों के लिए 30 बेड का स्पेशल आईसीयू होगा। श्वसन रोग से संबंधित इलाज के लिए हाई प्रोसीजर कक्ष भी बनाया जाएगा। यहां क्रिटिकल केयर, पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन, लंग प्रोसीजर के जटिल रोगों का उपचार होगा।

वर्टिकल विकास पर इसलिए जोर

बड़े भू भाग में समानान्तर (होरिजेंटल) विकास के कारण मरीजों को जांच, ओपीडी, दवा सहित इनडोर सुविधाओं के लिए लंबे चक्कर लगाने पड़ते हैं। जिससे मरीज के साथ उनके परिजन को भी परेशान होना पड़ता है। इसमें अधिक जगह की आवश्यकता भी होती है। इसके चलते एसएमएस, महिला, जनाना और गणगौरी अस्पताल में भी टावर का निर्माण शुरू हो चुका है। एसएमएस में तो देश का सबसे बड़ा सरकारी आईपीडी टावर बनाया जा रहा है। इसके अलावा यहां कार्डियक टावर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। यहां पूर्व में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को भी टावर की तरह ही बनाया गया है।

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प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के बाद पहले चरण की राशि जारी हो गई है। नक्शे व डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस टावर के बनने के बाद श्वसन रोग से संबंधित मरीजों को एक ही परिसर में आउटडोर, जांच, इमरजेंसी की सुविधाएं मिलेगी।
- डॉ. महेन्द्र बैनाड़ा, अधीक्षक, श्वांस रोग संस्थान, शास्त्री नगर