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किसानों को एमएसपी दिलाने अब कानून बनाने की जरूरत: हुड्डा

कांग्रेस पार्टी ने किसानों को फसल का पूरा मूल्य आवश्यक रूप से मिले, इसके लिए एमएसपी को लेकर कानून बनाए जाने की पैरवी करना शुरू कर दिया है। इसके लिए उदयपुर में कांग्रेस के चल रहे तीन दिवसीय नव संकल्प शिविर में इस पर मंथन-चिंतन हो चुका है।

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किसानों को एमएसपी दिलाने  अब कानून बनाने की जरूरत - हुडडा

किसानों को एमएसपी दिलाने अब कानून बनाने की जरूरत - हुडडा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा ने कहा है कि किसानों के लिए एमएसपी को लेकर कानून बनाया जाना चाहिए। आज देश में किसानों के हालात ठीक नहीं हैं। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दो गुना कर देंगे। लेकिन आय तो दोगुना नहीं हुई पर किसानों पर कर्जा जरूर दो गुना हो गया है। आज किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में लगातार कटौती की जा रही है, जबकि खाद, बीज और तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं।

नव संकल्प शिविर में चर्चा और मंथन के लिए बने छह ग्रुपों में से किसान और कृषि ग्रुप के संयोजक भूपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पहले दिन हुई चर्चा में तमाम सुझाव मिले हैं। हम मांग रखेंगे कि किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ मिले, इसके लिए केन्द्र सरकार कानून बनाए। उन्होंने कहा कि पीएम किसान बीमा योजना की भी स्थिति खराब है। प्रीमियम के मुकाबले मुआवजा नहीं मिल रहा। किसानों के लिए जो प्रस्ताव नव संकल्प शिविर में तैयार हो रहे हैं, उसे केन्द्र सरकार के पास ले जाने को लेकर हुड्डा ने कहा कि पहले प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे, फिर सीडब्ल्यूसी में रखेंगे। वहां पास होने के बाद पूरे देश में जाएगा, केन्द्र सरकार भी अंधी नहीं है

मनरेगा मजदूरों का उपयोग खेती में हो, यही हमारा संकल्प
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मनरेगा योजना का योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत कुछ कहा, लेकिन हम चाहते हैं कि उसी मनरेगा के जरिए हम किसानों की खेती की लागत कम करेंगे। मनरेगा मजदूरों का उपयोग खेती में किया जाएगा। यही हमारा संकल्प है। हम फसल खराब होने के बाद किसान को ज्यादा फायदा किस पर दिलाया जाए, इस पर मंथन कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की न्याय योजना की तरह देश में मिले लाभ
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि हर व्यक्ति की न्यूनतम वार्षिक आय तय होनी चाहिए। एेसी योजनाओं पर काम होना चाहिए। फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए आज छत्तीसगढ़ को उदाहरण माना जाता है। 7 हजार रुपए प्रति वर्ष न्याय भूमि योजना में किसानों को दे रहे हैं। 1000 करोड़ प्रति वर्ष किसानों को दे रही है। 400 यूनिट बिजली मुफ्त, इरिगेशन सेस समाप्ति सहित कई काम किए हैं। अब यह देश में लागू होने चाहिए।

जहां भी कांग्रेस की सरकार, वहां की किसान कर्ज माफी
पंजाब विधायक दल के नेता प्रतापसिंह बाजवा ने कहा कि किसानों की पॉलिसी केन्द्र की ठीक नहीं है। खेती ने कोरोना के समय भी देश की बड़ी मदद की है। कांग्रेस की राज्य सरकारें जहां भी बनी, उन्होंने किसानों का कर्जा माफ किया है। उन्होंने कहा कि एमपी में वर्ष 2018-19 में कांग्रेस सरकार बनते ही 12 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया गया है। पंजाब में 4700 करोड़, कर्नाटक में 22548 करोड़, छत्तीसगढ़ में 6 हजार करोड़ और राजस्थान में 12 हजार करोड़ का किसानों का कर्जा माफ किया गया है। हम चाहते हैं कि किसानों की कर्ज माफी से पूरी तरह कर्ज मुक्ति तक जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र अब इलेक्ट्रेसिटी कानून लेकर आ रहा है। इसमें पहले पूरा पैसा जमा कराने और फिर सब्सिडी देने की बात की जा रही है। एेसा ही पहले गैस सिलेण्डर पर किया और बाद में सब्सिडी देना बंद कर दिया।

किसानों से हो रही बदसलूकी
राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा राज में खेत, खलियान, किसानों से बदसलूकी हो रही है। जबकि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने किसानों का 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया। राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां किसान हित में कई काम हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 2 रुपए किलो गोबर खरीदकर कॉपरेटिव के जरिए खाद बनाया जा रहा है। यह व्यवस्था किसानों के लिए देश में भी लागू होनी चाहिए।