
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने मंगलवार को जनसुवाई की। हालांकि प्रचार-प्रसार के अभाव में गिनती के मात्र दो ही बच्चे पहुंचे। चतुर्वेदी ने करीब आधा दर्जन मामलों की सुनवाई की।
इसमें दहेज प्रताडऩा, मारपीट, गुमशुदगी, पेंशन व एक डायलिसिस व एक मामला एक बालिका के सिर में पानी भरने का रहा।
डायलिसिस के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.साजिद खान को आवश्यक कार्रवाई कर मरीज का इलाज करवाने के निर्देश दिए। डॉ. खान ने फाइल आयोग को भेजने के लिए आश्वस्त किया।
भंवरी को अब मिलेगी पेंशन
जनसुवाई में गागरोन रोड झालावाड़ निवासी 96 वर्षीय भंवरी बाई पिछले दो माह से पेंशन नहीं मिलने की पीड़ा लेकर आई। सुनवाई के दौरान उसकी 750 रुपए मासिक पेंशन जारी करने के लिए जिला परिषद सीईओ से कहा गया।
भामाशाह योजना में नाम नहीं जुडऩे पर भी इस बुजुर्ग महिला ने खाते में 2 हजार रुपए नहीं आने की शिकायत की। इस महिला के खाते में रुपए डालवाने के निर्देश दिए गए। भंवरी बाई बाजार से सब्जी खरीदकर घर-घर सब्जी बेचने काम करती है। महिला के दो बेटे हैं लेकिन वह अपना खर्चा उठाती है।
मानसिक विमंदित दीपक अब कोटा जाएगा पढऩे
मूक बधिर-मानसिक विमंदित बच्चों के लिए कोई स्कूल नहीं होने से मानसिक विमंदित बच्चे पेरशान हो रहे हैं। दीपक सुमन अपनी नानी के साथ पहुंचा जिसे कोटा मानसिक विमंदित स्कूल बेजने के निर्देश अधिकारियों को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने दिए।
दीपक की कहानी भी अजीब है। जब वह दो वर्ष का ही था जब उसके माता-पिता दोनों उसे नानी के पास छोड़कर चले गए हैं। दोनों ने अलग-अलग शादी कर ली है। अब दीपक जाए तो कहां जाए। दीपक के लिए मात्र नाना -नानी ही एक आसरा है। दीपक की नानी रामजानकी ने बताया कि इसे दो वर्ष का था जब से ही पाल रही है। अगर झालावाड़ में स्कूल खुले तो इसे पढऩे के लिए भेजे। दीपक 11 वर्ष का है।
बाल श्रमिक पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई
मिनी सचिवालय में मंगलवार को 1.30 बजे पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने कहा कि कहा कि भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को रोकने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। बालक की माता को समझाया जाएगा। महिलाओं को कामों से जोड़ रहे हैं। इनके द्वारा बनाए गए सामानों को सरकार खरीदेगी। बच्चे अपराध के प्रति नहीं बढ़ इसके प्रयास किए जा रहे हैं। बच्चों को आरटीई में प्रवेश दिलवाया जाएगा। पोक्सो अधिनियम में झालावाड़ में कितने मामले दर्ज हैं रिकार्ड ले रहे हैं।
चतुर्वेदी ने कहा कि एक माह में झालावाड़ में मूक-बधिर व मानसिक विमंदित बच्चों के लिए आवासीय स्कूल खोला जाएगा। यह अभी खाली पड़े किसान भवन में खोला जाएगा। विशेष क्षेत्रों में आंगनबाड़ी भी खोली जाएंगी।बालिकाओं के लिए भी बालिका गृह शीघ्र खोलने की कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
गौरतलब है कि 'राजस्थान पत्रिका ' ने मूक-बधिर व मानसिक विमंदित बच्चों के आवासीय विद्यालय के लिए मुद्दा उठाया था।
