आयुर्वेद में हर मर्ज का इलाज
संगोष्ठी के पहले सत्र में वैद्य जयंत देवपुजारी ने गर्भावस्था में विभिन्न पोषण से सम्बंधित स्थितियों के बारे में बताया। उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से गर्भिणी पोषण बनाये रखने के लिए अनेक तरीकों को अपने व्याख्यान में बताया। इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के डॉ. शिव कुमार सरीन ने लिवर का पोषण में महत्त्व को बताया। उनके व्याख्यान में यह बताया गया कि किस प्रकार लिवर शरीर को बना या बिगाड़ सकता है। दूसरे सत्र में प्रोफेसर डॉ. उमेश कपिल ने भारत में पोषणजन्य खून की कमी के उपचार तथा प्रबंध के तरीकों पर बात की। उ
संगोष्ठी के पहले सत्र में वैद्य जयंत देवपुजारी ने गर्भावस्था में विभिन्न पोषण से सम्बंधित स्थितियों के बारे में बताया। उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से गर्भिणी पोषण बनाये रखने के लिए अनेक तरीकों को अपने व्याख्यान में बताया। इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के डॉ. शिव कुमार सरीन ने लिवर का पोषण में महत्त्व को बताया। उनके व्याख्यान में यह बताया गया कि किस प्रकार लिवर शरीर को बना या बिगाड़ सकता है। दूसरे सत्र में प्रोफेसर डॉ. उमेश कपिल ने भारत में पोषणजन्य खून की कमी के उपचार तथा प्रबंध के तरीकों पर बात की। उ
ये रहे विशेष
तीसने सत्र में पवमाना फार्मेसी के डॉ. श्रीनिवास वाडेयार ने सूप और उनके फायदों के बारे में बताया। उन्होंने सूप बनाने का सही तरीका भी बताया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के डॉ. असित कुमार पांजा ने भोजन संस्कार के बारे में चर्चा की। साथ ही भोजन बनाने में आयुर्वेद का महत्व भी समझाया।
तीसने सत्र में पवमाना फार्मेसी के डॉ. श्रीनिवास वाडेयार ने सूप और उनके फायदों के बारे में बताया। उन्होंने सूप बनाने का सही तरीका भी बताया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के डॉ. असित कुमार पांजा ने भोजन संस्कार के बारे में चर्चा की। साथ ही भोजन बनाने में आयुर्वेद का महत्व भी समझाया।