जयसिंह को सवाई की उपाधि मिली तब पचरंगे झंडे पर तिकोनी झंडी लगाने लगे थे। पर्यटन अधिकारी रहे गुलाब सिंह मिठड़ी के मुताबिक राम राज्य की परंपरा के तहत आमेर के सफेद झण्डे में कचनार के झाड़ का निशान था। उसी झाड़ की वजह से जयपुर की मुद्रा झाड़शाही कहलाई । आमेर नरेश मानसिंह प्रथम के विश्वस्त और चौमू सामोद के सामंत मनोहर दास नाथावत ने काबुल के पांच राज्यों को जीत कर पचरंगा झंडा बनाया था ।