
जयपुर। जयपुर की पारंपरिक मिनिएचर पेंटिंग को ना सिर्फ बेहद करीब से जानना, बल्कि खुद के हाथों से उसे कागज, कपड़े या प्लेट पर उकेरना हर प्रतिभागी के लिए यादगार पल रहा। मौका था जयपुर आर्ट वीक के तहत और जयपुर विरासत फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित पेंटिंग वर्कशॉप का।
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोलछा गार्डन स्टूडियो में आयोजित इस अनूठी वर्कशॉप में कला प्रेमियों और इतिहास के शौकीनों को मिनिएचर पेंटिंग की अद्भुत दुनिया से रूबरू कराया गया। साथ ही भित्तिचित्रों (म्यूरल्स) और फ्रेस्को पेंटिंग्स के बारे में भी जानकारी दी गई।
पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ओर से जयपुर आर्ट वीक राजस्थान पत्रिका के सपोर्ट से आयोजित हो रहा है। 'आवतो बायरो बाजे: द थंडर्स रोर ऑफ एन एंपेंडिंग स्टोर्म' थीम पर हो रहे कार्यक्रम को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे लिवरपूल बाइनियल, ब्रिटिश काउंसिल, एमबसेड द फ्रांस के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। आठ दिवसीय जयपुर आर्ट वीक में दुनियाभर के 30 से ज्यादा कलाकार भाग ले रहे हैं। आर्ट वीक का समापन 3 फरवरी को होगा।
गोलछा स्टूडियो की ऑनर प्रियमवदा ने कहा, "यह गर्व का क्षण है कि जयपुर आर्ट वीक में यहां की समृद्ध कला और संस्कृति को जीवंत किया जा रहा है। प्रतिभागियों का उत्साह देखना अद्भुत रहा। इन पेंटिंग्स के माध्यम से इतिहास की कहानियों और उनके पीछे छिपे पारंपरिक तकनीकों और प्राकृतिक रंगों की गहराई को समझाया गया।"
प्रतिभागियों को यहां प्राकृतिक रंगों के उपयोग, उनकी तैयारी, और पारंपरिक तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव कराया गया। हर किसी को खुद पेंटिंग बनाने का अवसर मिला, जिससे यह कार्यशाला न केवल शैक्षणिक बल्कि रचनात्मक भी बन गई।
प्रतिभागी प्रिया ने कहा, "मिनिएचर पेंटिंग की बारीकियों और तकनीकों को सीखना मेरे लिए अद्भुत अनुभव रहा। मैंने न केवल नई कला सीखी, बल्कि जयपुर की सांस्कृतिक विरासत से भी गहरा जुड़ाव महसूस किया। एक अन्य प्रतिभागी रोहित ने कहा, "वर्कशॉप में शामिल होना और पेंटिंग सीखना मेरे जीवन के सबसे यादगार अनुभवों में से एक रहा। यह कार्यक्रम कला और इतिहास का सही मिश्रण था।
Updated on:
01 Feb 2025 04:08 pm
Published on:
01 Feb 2025 03:11 pm
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