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भारत में 2047 से पहले इस्लामिक शासन लागू करना चाहती थी पीएफआई

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के गिरफ्तार दो सदस्यों के खिलाफ जयपुर कोर्ट में सोमवार को चार्जशीट पेश की। चार्जशीट में एनआईए ने बताया कि पीएफआई भारत में वर्ष 2047 से पहले इस्लामिक शासन लागू करवाना चाहती थी। कोटा व बारां से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद आसिफ व सादिक सर्राफ के खिलाफ यह चार्जशीट पेश की।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के गिरफ्तार दो सदस्यों के खिलाफ जयपुर कोर्ट में सोमवार को चार्जशीट पेश की। चार्जशीट में एनआईए ने बताया कि पीएफआई भारत में वर्ष 2047 से पहले इस्लामिक शासन लागू करवाना चाहती थी। कोटा व बारां से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद आसिफ व सादिक सर्राफ के खिलाफ यह चार्जशीट पेश की।

एनआईए ने दोनों के खिलाफ सितम्बर, 2022 में आईपीसी की धारा 120 बी, 153 ए, गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा 13, 17, 18, 18ए और 18बी के तहत मामला दर्ज किया था। एनआईए ने यह भी खुलासा किया कि दोनों आरोपी पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य हैं।
दोनों हथियारों व विस्फोटकों की ट्रेनिंग के लिए कैंप भी लगाते थे। दोनों आरोपी मुस्लिम युवाओं को इस्लाम खतरे में है यह कहते हुए बरगलाते थे। सीधे-सादे युवकों को कट्टरपंथी बनाते और हथियारों व विस्फोटकों का प्रशिक्षण देते थे। आरोपी यह भी कहते थे कि पीएफआई कैडर्स को इस्लाम की रक्षा करना है।
आरोपी हथियार खरीदने के लिए जकात के नाम पर धन जुटा रहे थे। आरोपी विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाने का काम भी कर रहे थे। गौरतलब है कि पीएफआई की साजिश का खुलासा करने के लिए एनआईए ने राजस्थान के विभिन्न शहरों में छापेमारी की थी और बड़े स्तर पर सर्च अभियान चलाया था। इसी मामले के चलते कोटा निवासी मोहम्मद आसिफ उर्फ आसिफ और बारां जिले के सादिक सर्राफ को गिरफ्तार किया। एनआईए ने गत माह उदयपुर के मुर्शिद नगर निवासी मोहम्मद सोहेल को भी गिरफ्तार किया था। एनआईए अभी मामले की जांच कर रही है।