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Phalodi Satta Bazar: गहलोत के बेटे ‘वैभव’ इस बार लगाएंगे जीत का चौका या जोधपुर जैसा होगा हाल? पढ़ें क्या कहता है सट्टा बाजार

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लेकर फलोदी सट्टा बाजार ने बड़ी भविष्यवाणी की है। जानें...

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को कांग्रेस ने जालोर-सिरोही से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार लुंबाराम चौधरी से है। वैभव गहलोत इससे पहले जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके है। हालांकि उनको जीत नहीं मिल पाई थी। इस बार फलोदी सट्टा बाजार जालोर-सिरोही सीट पर वैभव गहलोत की बजाय लुंबाराम चौधरी की जीत का अनुमान लगा रहा है।

फलोदी सट्टा बाजार यहां भाजपा की जीत के भाव 30-35 पैसे वहीं कांग्रेस के 2 रुपए 50 पैसे हैं। फलोदी सट्टा बाजार में जो भाव चल रहे हैं, उनमें जिसके भाव जितने कम हैं, उनकी जीत की संभावना उतनी अधिक है। बता दें कि इस सीट पर पिछले 20 साल से भाजपा का दबदबा रहा है। अब देखना होगा कि क्या बीजेपी इस परंपरा को कायम रख पाएगी?

कौन है भाजपा के लुंबाराम चौधरी

लुंबाराम चौधरी सिरोही में भाजपा के दो बार जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही पंचायत समिति के प्रधान व जिला परिषद के सदस्य रहे हैं। संसदीय क्षेत्र में लुंबाराम चौधरी के जमीनी कार्यकर्ता होने से इनका कोई विरोध भी नहीं हुआ था। 10वीं तक पढ़ाई करने वाले लुंबाराम चौधरी 1982 में राजनीति में सक्रिय हुए थे। हालांकि भाजपा प्रत्याशी चौधरी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

जोधपुर से 2019 में चुनाव लड़ चुके 'वैभव'

वैभव गहलोत ने पिछला लोकसभा चुनाव जोधपुर से भाजपा प्रत्याशी गजेन्द्र सिंह शेखावत के खिलाफ लड़ा था। जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने धूल चटा दी थी। साल 2019 में गजेंद्र सिंह शेखावत को 788888 वोट प्राप्त किए थे। वहीं वैभव गहलोत को 514448 वोट मिले।

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पिछले चुनाव में जालोर-सिरोही से कौन जीता?

इधर, जालोर लोकसभा सीट पर साल 2019 के आंकड़े की बात करें तो बीजेपी पार्टी के देवजी पटेल ने 7,72,383 वोटों से जीत हासिल की थी। उनके सामने कांग्रेस पार्टी के रतन देवासी रहे थे। जीत का अंतर 2,61,020 वोट का रहा था।

जालोर-सिरोही का जातीय समीकरण

इस लोकसभा क्षेत्र में 22.89 लाख मतदाता है। जालोर-सिरोही अनुसूचित जाति-जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। इनकी संख्या 8 लाख से अधिक है। वहीं, सामान्य वर्ग में कलबी(पटेल) तीन लाख, देवासी 2.10 लाख, मूल ओबीसी 4 लाख, राजपूत व भोमिया 1.50 लाख, ब्राह्रमण व वैश्य सहित अन्य सवर्ण 3.20 लाख व मुस्लिम नब्बे हजार प्रमुख मतदाता है।

जालोर लोकसभा क्षेत्र आजादी के बाद से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट थी। यहां हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में 8 बार कांग्रेस, 4 बार भाजपा, 1 बार स्वतंत्र पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। पिछले 4 बार 2004, 2009, 2014 और 2019 से जालोर-सिरोही सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा है।

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