
जयपुर.
जयपुर पीएचईडी रीजन द्वितीय में वर्षों से कर्मचारियों की पदोन्नतियों में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा पत्रिका में होने के बाद विभाग से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय भी सक्रिय हो गया है। वर्ष 2010 में सांगानेर डिवीजन में गलत तरीके से कार्यालय सहायक से फिटर-।। के पद पर पदोन्नति का मामला राजस्थान पत्रिका ने उठाया था।
बाबूलाल जाट व बस्सी में तैनात तीन वर्कचार्ज कर्मचारियों की गलत पदोन्नति में हुए भ्रष्टाचार और फिर मामले को रफा-दफा करने की पीएचईडी के अफसरों की मंशा को 9 अक्टूबर को ’परियोजना के साथ पदोन्नतियों में भी भ्रष्टाचार’ शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद फिटर-।। के पद पर पदोन्नत बाबूलाल चौधरी की पदोन्नति को निरस्त कर उसे पदावनत कर दिया है और चयन सूची से भी उसका नाम हटा दिया है।
पीएचईडी में पदोन्नतियों में भ्रष्टाचार पर सीएमओ सख्त, मांगी जानकारी: बस्सी में तैनात तीन वर्कचार्ज कर्मचारियों को पदोन्नति देने में हुए भ्रष्टाचार, राजस्थान वाटर वर्क्स तकनीकी कर्मचारी संघ के विरोध प्रदर्शन के बाद अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर-।। आरसी मीना के द्वारा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने और फिर तीनों की पदोन्नतियां निरस्त करने के नाटकीय घटनाक्रम में सरकार की जम कर किरकिरी हुई। पदोन्नतियों में हुए भ्रष्टाचार मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव शाहीन अली खान ने मांगी है। रिपोर्ट को आगामी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भेजा जाएगा।
‘सेवाभावी’ रहा बाबूलाल
सूत्रों के अनुसार बाबूलाल चौधरी हमेशा ही अपने ’सेवाभाव’ के चलते पीएचईडी के सीनियर इंजीनियरों का चहेता रहा। यही वजह रही कि मुख्य अभियंता (प्रशासन) उसकी गलत पदोन्नति की रिपोर्ट मांगते रहे और फील्ड इंजीनियर पत्रों को ठंडे बस्ते में डालते रहे। सीनियर इंजीनियरों के आर्थिक हित भी बाबूलाल से जुड़े होने बात भी पीएचईडी के कर्मचारी दबी जुबां में कह रहे हैं। इससे पहले भी पीएचईडी के शीर्ष इंजीनियर अपनी खाल बचाने के लिए ऐसे कई मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि ऐसे कई मामले अभी फाइलों में दबे पडे हैं जिनकी फाइलें खोलना जरूरी है।
Published on:
17 Oct 2022 12:06 am
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