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India Nuclear Test : एक थप्पड़ की गूंज से जब मिला था 1998 के परमाणु परीक्षण संकेत

Pokhran Nuclear Test Apj Abdul Kalam India Second Nuclear Test: पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में हुए परमाणु परीक्षण को आज 25 साल हो गए हैं। इसके साथ ही भारत भी परमाणु हथियार संपन्न देश बन गया था। उस समय इसकी गोपनियता इतनी थी अमरीका की सैटेलाइट भी चकमा खा गई थी लेकिन एक शख्स ऐसा भी था जो प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी सहित उनके विशिष्ट कैबिनेट के अलावा भी इस बात का जानता था कि जैसेलमेर में परमाणु परीक्षण होने वाला है...आज वह कहानी राजस्थान पत्रिका के संपादक आशुतोष शर्मा की जुबानी...

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Pokhran Nuclear Test Apj Abdul Kalam India Second Nuclear Test

Pokhran Nuclear Test Apj Abdul Kalam India Second Nuclear Test

Pokhran Nuclear Test Apj Abdul Kalam India Second Nuclear Test: बात 1998 की है। करीब 25 साल पहले परमाणु परीक्षण से पहले अप्रेल के अंतिम सप्ताह में खेतोलाई (जैसलमेर) में भादरिया महाराज द्वारा एक प्रौढ़ सेवक को मारा थप्पड़ आज भी याद है। लस्सी का गिलास पकड़ाते 50 साल के उस ग्रामीण सेवक की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने अनजाने में डॉ.एपीजे अŽदुल कलाम के तीन बार खेतोलाई आने और परमाणु परीक्षण का जिक्र किया था।

दरअसल मैं और मेरे साथी अशोक शर्मा उस समय खाड़ी देशों में बदनाम ऊंट दौड़ में पिट्टू के लिए बच्चों की तस्करी की स्टोरी करने जैसलमेर गए थे। हम प्रसिद्धि सुन 28 अप्रेल, 1998 को संत हरबंस सिंह निर्मल उर्फ भादरिया महाराज से मिलने और उनकी लाइब्रेरी देखने पोकरण गए। महाराज हमसे मरुस्थलीय जीवन और लाइब्रेरी की चर्चा कर रहे थे।

महाराज के कहने पर उनका एक प्रौढ़ अनुचर लस्सी के बड़े गिलास लाया। उत्सुकतावश हम अनुचर से चर्चा करने लगे तो वह कहने लगा कि वैज्ञानिक डॉ.कलाम पिछले दिनों तीन-चार बार आ कर महाराज से मिल चुके हैं। अनुचर ने यह भी बताया कि पोकरण के आसपास गड्ढे खोदने और भरने का काम चल रहा है। लगता है परमाणु विस्फोट होगा या अग्नि, पृथ्वी मिसाइल की तैनाती।

अच्छे मूड में दिख रहे भादरिया महाराज अनुचर की यह बात सुन कर अचानक तैश में आ गए और अनुचर को थप्पड़ जड़ दिया। तमतमाते हुए बोले, कोई बात गोपनीय रखनी है तो सबके सामने चर्चा €यों? महाराज ने अनुचर को भगा दिया और हमें भी निकल जाने को कह कर कक्ष में चले गए। अचानक इस घटनाक्रम से मैं और अशोक सकपका कर वहां से निकले। महाराज के व्यवहार से हमारा रिपोर्टर मन कुलबुलाया और हमने आसपास के ग्रामीणों से बात की तो परमाणु परीक्षण जैसी तो बात सामने नहीं आई, लेकिन यह जरूर पुष्टि हुई कि जगह-जगह गड्ढे खोद कर भरे जा रहे हैं।

देश की सुरक्षा से नहीं किया था समझौता

जयपुर आकर हमने बॉस से इस एपिसोड पर चर्चा कर संकेतों में खबर देने की अनुमति चाही। संपादकीय मंडल में विचार विमर्श हुआ और तय हुआ कि देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामलों में इस तरह के खबर नहीं देनी चाहिए। खबर नहीं दी और 11 मई को सुबह ‘बुद्ध मुस्कुरा दिए’। पोकरण में परीक्षण हुआ और जानकारी सामने आई कि अमरीकी सैटेलाइट से बचने के लिए ही पोकरण में गड्ढे खोद कर भरे जा रहे थे।