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राजस्थान के इतिहास में तीसरी बार DGP की नियुक्ति में लंबा ब्रेक, जानें और कब हुआ ऐसा?

राजस्थान में तीसरी बार ऐसी स्थिति बनी है, जब DGP की नियुक्ति में इतना लंबा ब्रेक आया हो। साल 1988 में पीसी मिश्रा के रिटायर होने के बाद 7 महीने तक यह पद खाली रहा था। उससे पहले 1955 में भी 3 महीने तक यह पद खाली था।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Jul 01, 2025

Police Head Office

राजस्थान पुलिस मुख्यालय (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। राजस्थान में इन दिनों पुलिस विभाग का शीर्ष पद पिछले 20 दिनों से खाली है। कार्यवाहक DGP रवि प्रकाश मेहरड़ा सोमवार रात रिटायर हो गए, लेकिन उनके उत्तराधिकारी का अब तक नाम तय नहीं हो पाया। ऐसे में एक बार फिर वरिष्ठता के आधार पर संजय अग्रवाल को कार्यवाहक डीजीपी का चार्ज दिया गया है। इसके अलावा प्रकाश मेहरड़ा के रिटायर्ड होने के बाद अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कमान भी खाली हो गई है।

इस तरह की स्थिति राजस्थान में तीसरी बार बनी है, जब DGP की नियुक्ति में इतना लंबा ब्रेक आया हो। साल 1988 में पीसी मिश्रा के रिटायर होने के बाद 7 महीने तक यह पद खाली रहा था। उससे पहले साल 1955 में भी तीन महीने का खालीपन दर्ज हुआ था। अब 10 जून को उत्कल रंजन साहू की सेवानिवृत्ति के बाद से आज तक 20 दिन बीत चुके हैं।

संजय अग्रवाल को कार्यवाहक डीजीपी का चार्ज

कार्यवाहक डीजीपी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। देर रात तक राज्य के नए डीजीपी की घोषणा नहीं हो सकी। ऐसे में पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठता के आधार पर संजय अग्रवाल को कार्यवाहक डीजीपी का चार्ज दिया गया है।

स्मिता श्रीवास्तव को ACB का चार्ज

इसके अलावा एसीबी के डीजी का चार्ज वरिष्ठ एडीजी स्मिता श्रीवास्तव को सौंपा गया है। उधर, मुख्यमंत्री स्तर पर भी दिनभर डीजीपी को लेकर मंथन होता रहा। दिल्ली से आए पैनल पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलने के साथ ही मंगलवार को नए डीजीपी की घोषणा हो सकती है।

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तीन नामों पर चल रहा विचार

राजस्थान के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के लिए शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग की दिल्ली में बैठक हुई। जिसके बाद तीन अधिकारियों के नाम का पैनल तैयार करके राज्य सरकार के पास भेजा गया, अब इनमें से एक अधिकारी को डीजीपी नियुक्त किया जाएगा।

राज्य सरकार की तरफ से भेजा गया था 6 अधिकारियों का नाम

राज्य सरकार ने नए डीजीपी के लिए 6 अधिकारियों का पैनल पिछले दिनों यूपीएससी को भेजा था। हालांकि शुरुआत में राज्य सरकार ने 7 अधिकारियों का पैनल तैयार किया, लेकिन एक अधिकारी के इच्छुक नहीं होने के कारण उनका नाम ड्रॉप कर दिया गया।

मेहरड़ा ने विदाई भाषण में क्या कहा?

सोमवार को पुलिस मुख्यालय और ACB दफ्तर में विदाई समारोह हुए। मेहरड़ा ने अपने विदाई भाषण में ACB में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को साझा किया और युवा अधिकारियों को लोकतांत्रिक ढांचे में आधुनिक पुलिसिंग के प्रति सजग रहने की सलाह दी। लेकिन उनकी विदाई के साथ ही दो अहम पद खाली हो गए। न सिर्फ DGP की कुर्सी, बल्कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कमान भी अब खाली है।

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