27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अंग्रेजी के पर्चे के चर्चे, उठे सवाल

अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं: माध्यमिक में मग्न, प्रारंभिक में औपचारिकता

2 min read
Google source verification

image

DeenDayal Sharma

Dec 12, 2015

जिला समान परीक्षा व्यवस्था के तहत शुक्रवार से शुरू अद्र्धवार्षिक परीक्षा के पहले ही दिन प्रश्न चयन की प्रक्रिया पर अभिभावकों व शिक्षाविदें ने सवाल उठाए हैं। 12वीं के अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में विद्यार्थियों से विदाई पार्टी के लिए एक होटल के प्रबंधक से पार्टी हॉल की दर की जानकारी के लिए पत्र लिखने को कहा गया।
इस प्रश्न पर कुछेक अभिभावकों ने आपत्ति जताई है। वहीं, शिक्षाधिकारियों ने भी इसे गलत करार देते हुए संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई का निर्णय किया है। जिला शिक्षाधिकारी के अनुसार प्रश्न में होटल विशेष का ही नाम क्यूं लिखा गया है, पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट ली जाएगी।
यह है प्रश्न पत्र में
अंग्रेजी अनिवार्य के 12वीं कक्षा के पर्चे में पांचवें प्रश्न को लेकर आपत्ति उठ रही हैं। 6 अंक के प्रश्न में विद्यार्थियों को स्वयं को राजकीय नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय का हितेश वड़खिया मानते हुए शहर के एक होटल मैनेजर को पत्र लिख विदाई पार्टी के लिए हॉल की दर पूछने का उल्लेख है। गौरतलब है कि परीक्षा में इस प्रश्न पत्र को जिले के सरकारी एवं निजी विद्यालयों के परीक्षार्थियों ने हल किया है।
बिल्कुल ही गलत है
इस संबंध में सेवानिवृत्त अंग्रेजी व्याख्याता सतीश मेनारिया का कहना है कि पत्र लेखन में शिकायती पत्र, कार्यालय पत्र व अन्य विषय से जुड़े प्रश्न पूछे जा सकते हैं, लेकिन होटल विशेष का जिक्र करना उचित नहीं है। विदाई समारोह के लिए विद्यालय में ही पर्याप्त स्थान होता है। एेसे प्रश्नों का कोई औचित्य नहीं है।
एेसे प्रश्नों से बचना चाहिए
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रेमजी पाटीदार ने बताया कि आमतौर पर बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों की विदाई के आयोजन औपचारिक होते हंै, इसमें होटल का उपयोग कभी होता ही नहीं है। एेसा प्रश्न गलत है। प्रश्न पत्र निर्माताओं को एेसे प्रश्न पूछने से बचना चाहिए। संबंधित पर कार्रवाई करेंगे।
इधर, परीक्षा मे खुलकर हुई नकल
जिले में माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित निजी एवं सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार को अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हुई। समान परीक्षा व्यवस्था के तहत माध्यमिक शिक्षा के तहत विद्यालयों में तो दो पारियों में विभिन्न कक्षाओं की परीक्षाएं निगरानी में हुई, वहीं प्रारंभिक शिक्षा में आठवीं तक की परीक्षाएं औपचारिकताओं की भेंट चढ़ गई। विद्यालय स्तर पर ही प्रश्न पत्र की व्यवस्था की छूट होने से स्कूल प्रबंधन ने श्याम पट्ट पर ही प्रश्न लिखकर इतिश्री कर ली। कई विद्यालयों में तो प्रश्न श्याम पट्ट पर लिखकर बच्चों को हल करने का कहकर शिक्षक ने कक्ष ही छोड़ दिया, जिससे इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि परीक्षा की पारदर्शिता कैसे बनी होगी।
पास ही तो करना है..
प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों के कुछ शिक्षकों ने बताया कि आठवीं तक बगैर अनुत्तीर्ण किए कक्षोन्नत करना होता है। परीक्षा के प्रश्न पत्र के लिए भी अलग से किसी प्रकार का बजट नहीं होता है, एेसे में परीक्षाएं पिछले कुछ वर्षों से एेसे ही ली जा रही है। विभाग को पारदर्शिता के लिए बजट सहित अन्य इंतजाम करने चाहिए। इधर, कई विद्यालय सीसीई के दायरे में होने से शिक्षक मूल्यांकन प्रपत्र भरने में भी व्यस्त नजर आए।