पार्टी सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मिलना चाहते है क्योंकि प्रियंका गांधी ने ही मानेसर मामले के दौरान सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों से मुलाकात कर समझौता कराया था और तीन सदस्यों की कमेटी बनाकर रिपोर्ट बनाने की बात कही थी। लेकिन दस माह बीत गए, पायलट गुट की मांगों को पूरा नहीं किया गया और इसी बात को पायलट और उसके समर्थक विधायकों ने उठाया है।
दिल्ली में धमक, राजस्थान पर असर
अब पायलट के दिल्ली पहुंचते ही सियासी हलचल बढ़ गई। पायलट खेमा और गहलोत खेमा एक-दूसरे पर निगाह रखे हुए है और एक-दूसरे के विधायकों में सेंधमारी की भी फिराक में है। यही वजह है कि पायलट समर्थक कई विधायकों के गहलोत के पक्ष में बयान आए हैं।
जल्द होगा कैबिनेट में फेरबदल
डोटासरा और माकन के बयानों के बाद लग रहा है कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर फैसले ले सकता है, हालांकि इसमें गहलोत की राय को प्रमुखता मिलना तय है। कुछ नाराज नेताओं को सरकार में एडजस्ट किया जा सकता है।