
राजस्थान की जेलों में मोबाइल मिलना आम बात है, लेकिन जेल सुरक्षा की धज्जियां उड़ाते हुए या फिर सुरक्षा में तैनात कर्मियों की मदद से कैदियों के पास मोबाइल पहुंच रहे हैं, अब ये मोबाइल खुद जेल प्रशासन के लिए गले की फांस बन रहे हैं। पहले आम लोगों से वसूली और अपराध के लिए मोबाइल का उपयोग हो रहा था, लेकिन अब सीधे मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी जा रही हैं।
शुक्रवार रात को दौसा जेल से जयपुर पुलिस कन्ट्रोल रूम में फोन करने वाले कैदी रिंकू की जेल प्रशासन ने बैरक बदल दी थी। बताया जाता है कि जेल प्रशासन को सबक सीखाने के लिए उनकी मिलीभगत से अंदर लाए गए मोबाइल से उसने फोन किया। हालांकि पुलिस जांच में सामने आएगा कि मोबाइल किसकी मिलीभगत से जेल में पहुंचा।
आरोपी रिंकू अलवर जेल में बंद था। अलवर जेल से एक बार भागने का प्रयास भी किया और उसका आचरण सही नहीं होने पर उसे उदयपुर जेल में शिफ्ट किया गया था। बाद में गंभीर बीमारी होने पर उसे जयपुर के आसपास रखकर इलाज करवाने के निर्देश दिए गए। तब उसको दौसा जेल में रखा गया। दौसा जेल में भी उसका आचरण सही नहीं रहा। बैरक में शुक्रवार रात को उसका अन्य बंदियों से झगड़ा हो गया। बंदियों ने उसकी पिटाई कर दी, तब जेल प्रशासन ने रात को ही उसकी बैरक बदल दी थी।
पुलिस जिसके नाम से मोबाइल सिम थी, उसके पास पहुंची, तब उसने बताया कि सिम उसके नाम से उसके भांजे ने ली थी। सिम कैदी तक कैसे पहुंची, इसकी उसको जानकारी नहीं। पुलिस भांजे की तलाश में उसके ठिकानों पर दबिश दे रही है। भांजे के पकड़े जाने के बाद पता चलेगा कि जेल के अंदर किसकी मदद से कैदी तक मोबाइल व सिम पहुंचाए। जेल प्रशासन की मिलीभगत सामने आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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गत वर्ष जयपुर केन्द्रीय कारागार से भी एक बंदी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी दी थी। तब भी बंदी ने जेल में से पुलिस कन्ट्रोल रूम में फोन कर धमकी दी थी। तब एक्शन में आई पुलिस ने बंदी और उसको मोबाइल देने वाले को गिरफ्तार किया। गौर करने वाली बात है कि बंदियों के पास आए दिन मोबाइल मिलने की घटनाओं में पुलिस भी तह तक जांच नहीं करती या फिर करना नहीं चाहती। इसके चलते जेल में मोबाइल पहुंचाने वाले बैखौफ हैं।
दौसा जेल में मोबाइल मिलने का मुकदमा दर्ज हो गया है। आईजी कारागार विक्रम सिंह को मौके पर भेजा है। पुलिस जांच कर रही है। कैदी के पास मोबाइल मिलना गंभीर लापरवाही है। मोबाइल पहुंचाने में जिसकी भी मिलीभगत सामने आएगी, उसके खिलाफ कठोत्म कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
23 Feb 2025 08:49 am
Published on:
23 Feb 2025 08:48 am
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