
PatrikaSpeakup: जाम से बढ़ी समस्या, इधर नलों में दूषित पानी.. सुनिए जयपुर के लोगों की समस्याएं, उन्हीं की जुबानी
पत्रिका में किए गए नए बदलाव के बाद जयपुर के आम लोगों को अब अपनी समस्याएं, प्रतिक्रियाएं और सुझाव खुलकर सामने रखने का मौका मिल रहा है। सिटी के नए पेज ज्यादा उपयोगी, पाठक के लिए ज्यादा रोचक और खास बनाया गया है। केवल पत्रिका में अखबार में खबर पढ़ने के बाद अब फेसबुक के माय सिटी ग्रुप के जरिए लोगों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है।
यहां लोगों ने लगातार अलग अलग मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं, सुझाव और समस्याएं बताई हैं। इस बदलाव में स्पीक अप प्रॉपर्टी के जरिए लोगों से एक खास सवाल पर उनकी जवाब मांगे जा रहे हैं। जयपुर के पाठक बढ़ चढ़ कर इस अभियान में हिस्सेदारी ले रहे हैं और शहर की बेहतर तस्वीर के लिए जमकर जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। शहर के मुद्दे प्रॉपर्टी में शहर के किसी खास मुद्दे पर एक्सपर्ट्स की राय रखी जा रही है। शहर के बड़े मुद्दों पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
मुद्दा - नलों में दूषित पानी
नलों में कब दूषित पानी आ जाए कह नहीं सकते। क्योंकि एक-दो महीने में ऐसे हालात बनते ही हैं। समस्या का जलदाय विभाग स्थायी समाधान करे।
गायत्री, शास्त्री नगर
आए दिन दूषित पानी आने की समस्या है। विभाग समस्या का समाधान करे। टैंकर मंगवा जरूरतें पूरी करते हैं।
सुशीला यादव, महेश नगर
मुद्दा - ऑनलाइन ऑर्डर पर वेज की जगह नॉनवेज खाना आना
मैं अक्सर ऑनलाइन खाना मंगवाता हूं। जयपुर के एक नामी रेस्त्रां से मैंने दाल मखनी का ऑर्डर दिया। जब मेरे पास खाना पहुंचा तो उसमें चिकन था, जबकि मैं शाकाहारी हूं। इसके बाद मैंने ऑनलाइन ऐप पर शिकायत दर्ज करवाई तो मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कस्टमर केयर पर फोन किया, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया। -ऋषभ तनेजा, गुरुनानकपुरा, जयपुर
मैं शाकाहारी हूं। वेज वाइट पास्ता ऑर्डर करने पर मुझे नॉनवेज पास्ता डिलीवर किया गया। पैकेट खोलने पर मैंने एकदम ध्यान नहीं दिया। जब मैंने खाना शुरू किया जब लगा कि शायद यह वेज नहीं है। मैंने रेस्त्रां पहुंच इस बात की शिकायत कि लेकिन उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और मुझे पैसे भी रिफंड नहीं किए। - सौरभ जैन (परिवर्तित नाम), उदयपुर
मुद्दा - मंदिर स्कूल के पास शराब की दुकान
हनुमान मंदिर के पास शराब की दुकान खुलने से महिलाओं को आने-जाने में दिक्कत होगी।
-स्नेहलता पारीक
स्कूल, मंदिर के पास शराब दुकान का लाइसेंस नहीं मिल सकता। युवा पीढ़ी पर बुरा असर पड़ेगा। -गणपत
मुद्दा - खराब स्ट्रीट लाइट और सीवरेज
200 फीट बायपास की सर्विस रोड पर स्ट्रीट लाइट बंद हैं। शिकायत करने के कुछ दिन बाद समस्या हल होने का मैसेज आ जाता है। स्ट्रीट लाइट अब तक नहीं जलीं। रात को हादसा होने का रहता है। -महेंद्र चौपड़ा, गांधी पथ
हूपर न आने की शिकायत कई बार निगम के नम्बर पर कर चुके। फिर भी हूपर सप्ताह में एक दिन ही आता है। पार्षद और सफाई समिति अध्यक्ष से भी शिकायत कर चुके, लेकिन हल नहीं निकला। -प्रेम शर्मा, त्रिवेणी नगर
सड़क पर सीवरेज का पानी बहता रहता है। छह फरवरी को शिकायत की थी। एकाध बार निगम की टीम आई, लेकिन समाधान नहीं हुआ। आने-जाने वाले लोग परेशान हो रहे हैं। -नरेश जैन, मानसरोवर
मुद्दा - ई-रिक्शा का गलत संचालन
ई-रिक्शा से निश्चित तौर पर शहर में आना-जाना आसान हुआ है। लेकिन इनकी संख्या बहुत बढ़ गई है। चालक आगे-पीछे देखे बगैर कहीं भी ई-रिक्शा बढ़ा देते हैं। - अमर वर्मा, गंगापोल
ई-रिक्शा को चालक कई बार तेज दौड़ाते हैं। दिल्ली रोड पर कई बार ई-रिक्शा पलटने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन पर नियंत्रण जरूरी हो गया है। - चांदनी खुशलानी, रामगढ़ मोड़
ई रिक्शों से लगातार जाम रहता है। चालक रात में बैटरी बचाने के लिए बगैर लाइट ई-रिक्शा चलाते हैं। ऐसे में दूसरे वाहन चालकों को ई-रिक्शा दिखाई नहीं देता है। इससे हादसे की आशंका बढ़ जाती है। - सीमा सरन
जाम से मुक्ति के लिए जरूरी है कि व्यापारियों ने बाजार में जो अतिक्रमण किए हैं, उन्हें हटाया जाए। दोनों ओर पांच फीट की सड़क ई-रिक्शा के लिए रिजर्व कर दी जाए। इससे ई-रिक्शा भी सही तरीके से चलेंगे। - गिरधारी सोलंकी
ई रिक्शा चालक सड़क के बीच में सवारी उतार देते हैं और इसी तरह बैठा लेते हैं। स्टैंड नहीं होने के कारण सवारी उतारने व बैठाने की जगह तय नहीं है। इससे जाम लगता है और हादसे की आशंका रहती है।- मेघा चौहान
मुद्दा - क्या शहर में बार-बार लग रहे यातायात जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए नई व्यवस्था बननी चाहिए ताकि आमजन परेशान न हो?
समानांतर मार्ग पर प्रशासन अतिक्रमण हटाए, ताकि ट्रैफिक बाधित न हो और वाहन आसानी से आ जा सकें। -रहीश चावला , वैशाली नगर
ऑफिस और कॉलेज टाइम पर कम से कम वीवीआईपी मूवमेंट होना चाहिए। इससे डायवर्जन और जाम से राहत मिलेगी। -संदीप, सांगानेर
वर्चुअल कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि मूवमेंट कम हो। इससे रूट डायवर्ट नहीं करना पड़ेगा। -सोनल केडिया,आदर्श नगर
मुद्दा - बसों का बदला टाइमटेबल
बसें कम होने से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों को हुई है। सरकार इसका समाधान करे। - प्रेम दास स्वामी, झोटवाड़ा
- बस में भीड़ ज्यादा है, सफर करना मुश्किल हो रहा है। बेहतर है कैब में सफर कर ले। -सीमा कंवर, विद्याधर नगर निवासी
मुद्दा - हूपर का निश्चित समय न होना
कृष्णा कॉलोनी में कई दिन से कचरा गाड़ी नहीं आ रही है। मजबूरन कचरा सड़क पर फेंकना पड़ रहा है। क्षेत्रीय पार्षद से शिकायत भी की, लेकिन समस्या जस की तस है। हूपर न आने से पूरे क्षेत्र में गंदगी फैल चुकी है । -आशुतोष शर्मा, विद्याधर नगर
मानसरोवर में हूपर समय पर नहीं आते। जब आते हैं तो उन पर हेल्पर नहीं होता। ऐसे में महिलाओं को कचरा डालने में दिक्कत होती है। कई बार तो डस्टबिन ही हूपर में गिर जाता है। ड्राइवर का व्यवहार भी अच्छा नहीं होता। -गिरधारी लाल स्वामी, मानसरोवर
हमारे यहां हूपर रोज नहीं आते और कोई समय भी निर्धारित नहीं है। सुबह का समय तो हूपर के इंतजार में ही निकल जाता है। शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही। -वीरेन्द्र उप्रेती, मांग्यावास
Published on:
07 Apr 2023 01:26 pm
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