
pulwama attack को आज तीन साल हो गए। जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले में राजस्थान ने भी 5 जांबांज सूरमाओं को खो दिया था। राजसमंद जिले के नारायणलाल गुर्जर, कोटा जिले के हेमराज मीणा, जयपुर जिले के रोहिताश लांबा, भरतपुर जिले के जीतराम और धौलपुर जिले के भागीरथ सिंह शहीद हो गए थे।
राजस्थान के सीकर जिले के थोई कल्याणपुरा के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान राजकुमार झाझड़िया पुलवामा हमले बाल-बाल बचे थे। जब उन्होंने Pulwama Attack का आंखों देखा हाल बताया तो हर किसी का दिल दहल उठा। उनकी आंखों के सामने उनके 40 से अधिक साथी शहीद हो गए। झांझिड़या के जहन में भी वो धमाका जिंदा है।
गुरुवार, तारीख 14 फरवरी, समय 3.45 मिनट। पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके में सीआरपीएफ के 78 वाहनों का काफिला गुजर रहा था। जवान राजकुमार ने बताया कि वे सबसे आगे चल रही गाड़ी में सवार थे। अचानक तीसरी बस में जोरदार विस्फोट हुआ और बस के परखच्चे उड़ गए। अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इसके बाद राजकुमार और उनके साथियों ने मोर्चा संभाला और घायल जवानों को बचाने लगे।
राजकुमार ने बताया था कि हमले के बाद परिजनों का कई बार फोन आया लेकिन उन्होंन रिसीव नहीं किया। वे अपने साथियों की सहायता करने में लगे हुए थे। हालांकि बाद में उन्होंने फोन कर परिवार को बताया दिया था कि वे सुरक्षित है लेकिन उनके कई साथी शहीद हो गए हैं। परिजनों ने बताया कि हमले के बाद उनकी सांसे अटक गई थी। काफी फोन करने के बाद भी बेटे ने जब फोन नहीं उठाया तो ज्यादा चिंता होने लगी। लेकिन चार घंटे बाद बेटे का फोन आया तो सांस में सांस आई।
पाकिस्तानी जमीन से चलने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने ली थी। हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आतंकी संगठन और उनके मददगारों को बड़ी कीमत चुकानी होगी और उन्होंने ऐसा कर दिखाया। पुलवामा हमले के 12 दिन के भीतर भारत ने बदला ले भी लिया। भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के एक ग्रुप ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक कैंप पर 1000 किलोग्राम बम बरसाए। इस हमले में आतंकी संगठन के कई ठिकाने तबाह हो गए।
Updated on:
14 Feb 2022 12:22 pm
Published on:
14 Feb 2022 12:16 pm
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