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दिलकश सदाओं से कारियों ने की खुदा की तिलावत, जामिया तुल हिदाया कि ओर से हुआ किरअत कार्यक्रम

देशी विदेशी कारियों ने लिया हिस्सा इस दौरान दुनियाभर में ख्याति प्राप्त देशी विदेशी कारियो ने अपनी दिलकश आवाज में कुरआन की आयतों को पढ़ा। साथ ही मोहम्मद साहब की शान में लिखी गईं नातों को अपनी मखमली आवाज में सुनाया।

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जयपुर

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Abdul Bari

Jan 30, 2023

दिल को छू लेने वाली सदाओं में कारियों ने की खुदा कि तिलावत, जामिया तुल हिदाया कि ओर से हुआ कुरआन किरअत कार्यक्रम

जयपुर। दिल्ली रोड, मानबाग इलाके में शनिवार रात को फिजा में रुहानियत घुली नजर आई। यहां खुदा के बन्दे अपनी बेहतरीन आवाज में खुदा की बन्दगी करते नजर आए। मौका था जामिया तुल हिदाया कि ओर से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कुरआन किरअत कार्यक्रम का। इस दौरान दुनियाभर में ख्याति प्राप्त देशी-विदेशी कारियो ने अपनी दिलकश आवाज में कुरआन की आयतों को पढ़ा। साथ ही मोहम्मद साहब की शान में लिखी गईं नातों को अपनी मखमली आवाज में सुनाया।

तिलावत और नातों के अलावा गैर मुस्लिम शायरों के पढ़े शेर

कार्यक्रम में कारी हिदायतुल्लाह फुरकानी, कारी इरशाद कासमी और मिस्र के शेख अब्दुल नासिर हरक ने बेहतरीन अंदाज में तिलावत की। इनके अलावा कारी सिद्दीक फलाही, कारी अब्दुल अजीज फलाही और कारी रियाज नदवी ने नात और तिलावत सुनाकर मौजूद लोगों से दाद पाई। इसी बीच कुंवर महेन्द्र सिंह बेदी सेहर के शेर 'इश्क हो जाए किसी से कोई चारा तो नहीं, सिर्फ मुस्लिम का मोहम्मद पर इजारा तो नहीं' पढ़ा गया। इसी तरह इस्लाम और मोहम्मद साहब पर लिखी गई वो शायरी भी सुनने को मिली जो गैर मुस्लिम शायरों ने लिखी है।

बड़ी संख्या में मौजूद रहे समाजजन

हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बावजूद बड़ी संख्या में समाजजनों ने कार्यक्रम में शिरकत की। इस बीच मुस्लिम समाज के गणमान्य लोग भी मंच पर उपस्थित रहे। शिक्षण संस्थान के निदेशक मौलाना फजरुल रहीम मुजद्दीदी ने कहा कि कुरआन के पैगाम को जन-जन तक पहंचाने के लिए किरअत के रूप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम के लिए इस संस्थान की स्थापना की गई है। अंत में डॉक्टर समरा सुल्ताना, मोहम्मद शोएब और डॉक्टर हबीबुर्रहमान ने सभी का शुक्रिया अदा किया।

जानिए, क्या होती है किरअत

अरबी भाषा में लिखे हुए कुरआन पाक को एक खास अंदाज में पढ़ना किरअत का फन कहलाता है। जिसकी बाकायदा पढ़ाई होती है। किरअत करने वाले कारी कहलाते है। जो आम आदमी से कई गुना अधिक समय तक तिलावत के दौरान सांस को खींच सकते हैं। किरअत के मामले में मिस्र के कारी दुनियाभर में काफी मशहूर हैं।