कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ठीक एक साल पहले भी जयपुर में रैली को सम्बोधित किया था, लेकिन तब उनका फोकस किसानों पर था। इस बार की रैली में खास जोर युवाओं पर रहेगा। रैली में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से ‘राष्ट्रीय बेरोजगारी रजिस्टर’ जारी करने के लिए केन्द्र सरकार से मांग की जाएगी। इसके लिए युवा कांग्रेस सोशल मीडिया पर अभियान भी चला रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस में अभी सोनिया गांधी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं लेकिन सभा व जन आंदोलनों में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी अधिक सक्रिय हैं। हालांकि प्रियंका की सक्रियता यूपी में अधिक है, जबकि राहुल गांधी केंद्र सरकार पर हमले बोल रहे हैं। वहीं, सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य कांग्रेसी नेता लगातार बयान दे रहे हैं कि मोदी व शाह का मुकाबला केवल राहुल गांधी ही कर सकते हैं। पिछले माह सीएए के विरोध में नई दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई कांग्रेस की रैली के बाद राहुल गांधी को पुन: पार्टी की कमान सौंपने की चर्चा तेज हो गई थी। माना जा रहा है कि जयपुर की रैली से उनके अध्यक्ष बनने की मुहिम और तेज होगी। दरअसल, 2013 में राहुल गांधी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजस्थान में ही बनाया था। तब भी जनवरी का माह था। पिछले वर्ष भी जनवरी में सभा हुई थी और फिर जनवरी में सभा रखी है।
पिछली रैली
राहुल ने एक वर्ष पूर्व जनवरी 2019 में जयपुर में रैली की थी। विद्याधर नगर स्टेडियम में हुई उस रैली में किसानों को केंद्र में रखा गया था। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों को ऋण माफी जैसी कई सौगातें भी दी थी। राहुल ने अपने सम्बोधन में ऋण माफी, किसान आत्महत्या, मंहगाई, न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि पर फोकस किया था।
राहुल की जयपुर में फिर से जनवरी में ही सभा हो रही है। इस बार युवाओं पर जोर दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार राहुल के भाषण में बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, जेएनयू सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों में हो रहे प्रदर्शन, संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) मुख्य बिंदु रहेंगे।