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Indian Railway: 5 लाख रुपए देकर किराए पर ले सकते हैं स्पेशल ट्रेन, लिस्ट में जल्द शामिल होने वाली है वंदेभारत

Jaipur News: उत्तर पश्चिम रेलवे शूटिंग के लिए कोच व रेल परिसर देकर कमा रहा लाखों रुपए, फिल्म मेकर्स की भी पसंद बने राजस्थान के स्टेशन

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Film Shooting in Railway Station

पत्रिका फोटो

यात्रीगण ध्यान दें…। प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर केवल यह अनाउंसमेंट ही नहीं बल्कि लाइट, कैमरा और एक्शन भी सुनाई दे रहा है। कारण गढ़-किले-रेगिस्तान व हवेलियों के अलावा राजस्थान के प्रमुख रेलवे स्टेशन भी फिल्म मेकर्स की पसंद बने हुए हैं। जिससे आए दिन मूवी, ऐड मूवी व वेबसीरीज की शूटिंग हो रही है। इससे रेलवे को भी लाखों रुपए की कमाई हो रही है। खास बात है कि जल्द ही वंदेभारत ट्रेनें भी मूवी दिखाई देंगी।

दरअसल, राजस्थान में शूटिंग करने वाले फिल्म मेकर्स ट्रेन व रेल परिसर में शूट को लेकर रुचि दिखा रही है। इनमें न केवल बॉलीवुड बल्कि दक्षिण भारत सिनेमा व हॉलीवुड फिल्म मेकर्स भी शामिल हैं। इस वजह से जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, सांभर, लालगढ़, अजमेर, मारवाड़, मावली, उदयपुर, अजमेर, पुष्कर, सीकर, रेवाड़ी समेत कई रेलवे स्टेशनों पर 30 से ज्यादा मूवी, वेबसीरीज व ऐड मूवी की शूटिंग हुई है।

यह लिया जाता है चार्ज

जयपुर समेत बड़े स्टेशन का एक लाख रुपए चार्ज
जयपुर, अजमेर, बीकानेर समेत बड़े स्टेशन पर शूटिंग का एक लाख रुपए प्रतिदिन व छोटे स्टेशनों पर 50 हजार रुपए तक चार्ज लिया जाता है। स्पेशल ट्रेन का किराया 4 लाख 75 हजार 345 रुपए है, जिसमें 4 नॉन एसी कोच व एक एसएलआर कोच शामिल होता है। एसी कोच का जीएसटी चार्ज अलग लगता है। 50 हजार रुपए प्रति कोच की सिक्योरिटी राशि जमा होती है।

पिछले साल हुई थी जॉली एलएलबी 3, स्काइफोर्स की शूटिंग
25 अप्रेल से 10 मई तक अजमेमें फिल्म जॉली एलएलबी 3 की शूटिंग हुई। इससे 27.39 लाख रुपए कमाई हुई। वहीं 28-29 जुलाई को जोधपुर के थैयत हमीरा स्टेशन व मालगाड़ी में स्काईफोर्स की शूटिंग, 14 सितंबर को हिंदी सीरीज गद्दार की जोधपुर डिवीजन पर विशेष ट्रेन के साथ शूटिंग हुई थी। बीते वर्षों में अलग-अलग स्टेशनों पर भाग मिल्खा भाग, वीर, डेढ़ इश्किया, सुपर 30 के अलावा अपूर्वा, द नाइट आउल मर्डर्स समेत वेबसीरीज की भी शूटिंग हुई थी।

ऐसे मिलती है अनुमति

शूटिंग की अनुमति के लिए फिल्म मेकर स्वयं या उसका कोई प्रतिनिधि फिल्म की स्क्रिप्ट (जो हिस्सा रेल परिसर में शूट करना हो) के साथ सीपीआरओ को स्वीकृति के लिए अर्जी देता है। संबंधित मंडल या विभाग से फिजिबिलिटी मिलने के बाद फिल्म कंपनी के पेपर, एग्रीमेंट व जरूरी दस्तावेज जमा किए जाते हैं। इसके बाद शूटिंग स्थल, ट्रेन का बीमा, लाइसेंस फी, रोलिंग स्टॉक चार्ज समेत अन्य तय राशि जमा होती है।

इसलिए बढ़ रही रुचि…चार्ज कम और भीड़ से राहत

दूसरे जोनल रेलवे के मुकाबले उत्तर पश्चिम रेलवे में शूटिंग का चार्ज कम है। यहां प्रमुख बड़े स्टेशनों पर 24 घंटे अत्यधिक भीड़भाड़ की स्थिति भी नहीं रहती है। इस वजह से फिल्म मेकर्स को दिक्कत भी नहीं आती है। उन्हें मनमाफिक लोकेशन पर शूट की परमिशन भी जल्दी मिल जाती है। अब सालभर में कई फिल्मों की शूटिंग हो रही है।

  • कैप्टन शशिकिरण, सीपीआरओ, उत्तर पश्चिम रेलवे

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