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किरोड़ी के ‘फोन टैपिंग’ विवाद पर गहलोत बोले- मामला गंभीर, सच्चाई सामने आए; डोटासरा ने कहा- सदन नहीं चलने देंगे; सरकार ने दिया ये जवाब

Rajasthan Assembly Budget Session: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा सरकार पर लगाए गए फोन टैपिंग के आरोप को कांग्रेस विधायकों ने गंभीर बताते हुए सदन में जमकर हंगामा किया।

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Rajasthan Assembly Budget Session

Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान में एक बार फिर से फोन टैपिंग का जिन्न बाहर आया है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा सरकार पर लगाए गए फोन टैपिंग के आरोप को कांग्रेस विधायकों ने गंभीर बताते हुए सदन में जमकर हंगामा किया। साथ ही विधानसभा में विपक्ष के विधायक नारेबाजी भी कर रहे हैं और सीएम भजनलाल का इस्तीफा भी मांग रहे हैं। अभी तक हंगामे के कारण 2 बार कार्यवाही स्थगित की गई है। वहीं, स्पीकर वासुदेव देवनानी सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में कहा कि कैबिनेट मंत्री का फोन टैप हो रहा है। सरकार, सरकार का फोन टैप करा रही है। जब तक मुख्यमंत्री सदन में जवाब नहीं देंगे, कार्यवाही नहीं चलने देंगे। इस बीच, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने किरोड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह सारे आरोप निराधार हैं।

सच्चाई सामने आनी चाहिए- अशोक गहलोत

फोन टैपिंग विवाद पर बोलते हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, "हमारी सरकार के समय मैंने सदन के पटल पर कहा था कि किसी भी मंत्री, सांसद और विधायक का टेलिफोन सर्विलांस पर नहीं लिया गया और न ही लिया जाएगा। लेकिन भाजपा सरकार पर अपने ही कैबिनेट मंत्री द्वारा फोन टैपिंग के आरोप लगाना भाजपा की सच्चाई उजागर करता है।"

उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है क्योंकि आरोप राजनीतिक फायदा के लिए किसी विपक्षी नेता ने नहीं बल्कि सरकार के कैबिनेट मंत्री ने लगाए हैं। इनकी सच्चाई सामने आनी चाहिए। मुख्यमंत्री को सदन में जवाब देना चाहिए।

डोटासरा ने सीएम का मांगा इस्तीफा

फोन टैपिंग विवाद पर पीसीसी चीफ प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जिस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, उसके बाद अब कुछ नहीं बचता। डोटासरा ने कहा कि या तो मुख्यमंत्री सदन में इन आरोपों पर स्पष्टीकरण दें और इसकी जांच करवाएं या फिर इनको मंत्री पद से हटा दें। इन 2 बातों के अलावा कुछ नहीं किया जा सकता। जब तक स्पष्ट बयान नहीं आता, हम सदन नहीं चलने देंगे।

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टीकाराम जूली ने कहा- सदन नहीं चलने देगे

वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा, "क्या आपको लगता है कि सरकार का कोई कैबिनेट मंत्री फोन टैपिंग कर रहा है? गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है और मुख्यमंत्री पर यह आरोप है। जब तक मुख्यमंत्री सदन में जवाब नहीं देते, हम कार्यवाही नहीं चलने देंगे।"

राजेन्द्र राठौड़ ने जताई चिंता

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता विपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, "किरोड़ीलाल जी पार्टी के वरिष्ठ नेता है, सुरक्षा की दृष्टि से अगर पुलिस तंत्र उन पर निगरानी रखता है उनकी निजी सुरक्षा और कई कारणों से निगरानी रखता है तो कोई ऐसी बात नहीं है.. मैं समझता हूँ की उनका बयान चिंताजनक ज़रूर है और उन्होंने किस संदर्भ में बयान दिया। इसका खुलासा तो वही कर सकते है।"

गृह राज्य मंत्री ने दिया ये जवाब

वहीं, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि हमारी सरकार ने किसी भी मंत्री या विधायक का फोन टैप नहीं करवाया, फोन टैपिंग के सभी आरोप निराधार हैं। कहा- जिस अखबार की कटिंग को लेकर विपक्ष आधार हैं निराधार मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है वह सदन का समय ख़राब करने का काम है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने उपमुख्यमंत्री और करीब 25 विधायकों के फोन टैप करवाए थे।

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