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Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा-कांग्रेस उत्साह से लबरेज, फिर भी टिकट वितरण से कर रहे परहेज

Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट चयन को लेकर रायशुमारी और चर्चाओं का दौर तेज हो चला है। अगले महीने आचार-संहिता लगने के साथ ही चुनावी गतिविधियां तेज हो जाएगी।

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जयपुर

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Umesh Sharma

Sep 13, 2023

Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा-कांग्रेस उत्साह से लबरेज, फिर भी टिकट वितरण से कर रहे परहेज

Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा-कांग्रेस उत्साह से लबरेज, फिर भी टिकट वितरण से कर रहे परहेज

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट चयन को लेकर रायशुमारी और चर्चाओं का दौर तेज हो चला है। अगले महीने आचार—संहिता लगने के साथ ही चुनावी गतिविधियां तेज हो जाएगी। कांग्रेस जहां सरकार रिपिट होने का दावा कर रही है, वहीं भाजपा को उम्मीद है कि वह सत्ता पर काबिज होगी, लेकिन दोनों ही पार्टियों के समक्ष सबसे बड़ा 'टास्क' टिकट वितरण है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार यह बात उठा रहे थे कि टिकट वितरण जल्द होना चाहिए, ताकि प्रत्याशियों को तैयारी का मौका मिले। पार्टी ने यह तय भी किया, लेकिन उससे पहले ही भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। पार्टी ने मप्र में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता ही कहने लगे हैं कि कांग्रेस की बात भाजपा ने मान ली, मगर कांग्रेस कब जागेगी ?

राजस्थान में प्रत्याशियों की घोषणा से बच रही है भाजपा

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से ज्यादा भाजपा को राजस्थान में जीत की उम्मीद है। यही वजह है कि पार्टी यहां किसी भी तरह के विवाद से बचना चाह रही है। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी तक पार्टी ने कोई जिम्मेदारी नहीं दी है। इसे लेकर उनके समर्थक नेताओं में नाराजगी है। इस नाराजगी से बचने के लिए पार्टी अभी तक राजस्थान में प्रत्याशियों की घोषणा से बचती नजर आ रही है।

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कांग्रेस के सामने भी दुविधा कम नहीं

कांग्रेस के सामने भी टिकट वितरण करना सबसे बड़ी चुनौती है। पार्टी दावा कर रही है कि सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच मनमुटाव कम हो गया है। मगर निर्दलीय और बसपा से आए विधायकों के टिकटों को लेकर पार्टी पसोपेश में है। यही नहीं सत्ताधारी पार्टी होने की वजह से हर सीट से दावेदारों की संख्या भी बहुत ज्यादा है, इस वजह से भी पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पा रही है।

रूठे नेताओं पर अन्य दलों की नजर

भाजपा और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी, रालोपा, बसपा सहित कई दल भी चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। इन दलों का फोकस उन नेताओं पर हैं, जिन्हें भाजपा और कांग्रेस टिकट नहीं देगी। ऐसे नेताओं को मैदान में उतारकर ये दल चुनावी वैतरणी को पार करने की जुगत लगा रहे हैं।