न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय और न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने के 30 जनवरी 2024 के अपने फैसले पर पुनर्विचार से इनकार कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
राज्य सरकार ने पुनर्विचार याचिका में कहा कि एलोपैथी व आयुर्वेद चिकित्सकों का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है। एलोपैथी चिकित्सकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उनकी सेवानिवृत्ति आयु दो साल बढ़ाना राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय था। ऐसे में एलोपैथी चिकित्सकों की ही तरह आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया जाए।
इसके जवाब में आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश मामले में आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल करने की मंजूरी दी, इसलिए आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 साल करने का राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला सही है।