बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश मुख्यालय पहुँचते ही विधायक प्रताप सिंह सिंघवी से मीडियाकर्मियों ने पार्टी में गुटबाजी के सन्दर्भ में सवाल पूछे। इसपर सिंघवी ने साफ़ कहा कि वसुंधरा राजे ही उनकी लीडर हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सतीश पूनिया की बात मानना हमारी ज़िम्मेदारी है।
गौरतलब है कि सिंघवी, शुरू से ही वसुंधरा राजे के सबसे करीबी रहे नेताओं के समूह के माने जाते हैं। बुधवार को भी वे राजे से मिलने उनके सिविल लाइन्स स्थित आवास पहुंचे थे। सप्ताह भर से भी ज़्यादा के दिल्ली दौरे से वापस लौटी वसुंधरा राजे से उनकी मुलाक़ात के भी कई मायने निकाले गए। विधायक दल की बैठक से ठीक पहले राजे और सिंघवी ने कुछ अन्य विधायकों के सात लम्बी मंत्रणा की।
पार्टी में सब सही है: कटारिया
वहीं विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पार्टी में गुटबाजी और अंतर्कलह की खबरों का खंडन किया। कटारिया ने कहा कि पार्टी के अन्दर सौ फ़ीसदी सब कुछ सही है।
केंद्रीय स्तर के नेताओं के बैठक में शामिल होने के सवाल पर कटारिया ने कहा कि कल से शुरू हो रहा विधानसभा सत्र साधारण नहीं बल्कि विशेष परिस्थितियों में बुलाया गया सत्र है। सरकार में अभी भी कुछ सही नहीं चल रहा है। अभी भी बिखराव की स्थिति देखने को मिल रही है।
गहलोत और पायलट खेमेबाजी पर नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कटारिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अभी भी एक पूर्व तो एक पश्चिम दिशा की ओर जा रहा है। उन्होंने कहा कि in तमाम परिस्थितियों को देखते हुए केंद्रीय नेताओं के मार्गदर्शन में इस विशेष सत्र को लेकर रणनीति बनाई जायेगी।