
सोनोग्राफी की पोर्टेबल मशीन और आरोपी अमिताभ, पत्रिका फोटो
Jaipur Decoyoperation: ‘डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है…’ लेकिन इस बार डॉन पकड़ में आ गया! विदेश से आई पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन, फिल्मी अंदाज़ में डील, और वॉइस मैसेज में घमंड से भरे शब्द… लेकिन जयपुर में जाल बिछा चुकी पीसीपीएनडीटी टीम ने जब सेंट्रल पार्क में दबिश दी, तो पूरे गिरोह की कलई खुल गई। टीम ने पश्चिम बंगाल के हुगली निवासी 45 वर्षीय अमिताभ भादुरी को जयपुर से गिरफ्तार किया है, जो अवैध मशीन की डिलीवरी देने आया था।
टीम को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि एक गिरोह राजस्थान सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीनों की अवैध बिक्री कर रहा है। सूचना की पुष्टि के बाद टीम ने दो माह तक गिरोह की रैकी की और अंत में जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ा। जांच में सामने आया कि यह गिरोह पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीनों को 7 से 10 लाख रुपये में बेच रहा था। टीम ने आरोपी अमिताभ भादुरी से संपर्क कर मशीन की कीमत सवा छह लाख रुपये तय की। कुछ रकम एडवांस ऑनलाइन भेजी गई और शेष राशि डिलीवरी के समय देने का सौदा हुआ।
भादुरी तय समय पर मशीन लेकर जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा और प्रतीक्षालय में रुका। यहां से उसने गिरोह के सरगना डॉ. आदित्य मुरारका को एक वॉइस मैसेज भी भेजा, जिसमें उसने खुद को सतर्क बताते हुए मुरारका को ’’डॉन’’ कहकर संबोधित किया। वॉइस मैसेज में उसने कहा, ‘‘बचे हुए पैसों का अपनी सेहत के लिए अच्छा भोजन करूंगा। वैसे भी डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। और वो डॉन हो आप, डॉ. आदित्य मुरारका।’’
स्टेशन से मशीन लेकर शहर के विभिन्न इलाकों से होता हुआ भादुरी जब सेंट्रल पार्क पहुंचा, तो पहले से घात लगाए बैठी पीसीपीएनडीटी टीम ने उसे धर दबोचा। टीम ने मौके से मशीन जब्त की और आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।
जांच में सामने आया कि यह गिरोह पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीनें विदेश से तस्करी कर भारत ला रहा था और बिना पंजीकरण इन्हें बेच रहा था। ये मशीनें सूटकेस में आसानी से छिपाई जा सकती हैं और गर्भ में लिंग जांच जैसे अपराधों में इनका दुरुपयोग किया जा रहा था। प्रत्येक मशीन के साथ आवश्यक तकनीकी उपकरण भी बेचे जा रहे थे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने बताया कि गिरोह के सरगना डॉ. आदित्य मुरारका और उनकी कोलकाता स्थित कंपनी लाइफ प्लस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई के लिए पश्चिम बंगाल प्रशासन और स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी गई है। आशंका है कि गिरोह में कई अन्य व्यक्ति भी शामिल हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पीसीपीएनडीटी) डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि बीकानेर जोन के निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी और पीसीपीएनडीटी प्रभारी महेंद्र सिंह चारण की भूमिका रही। जयपुर में पीबीआइ थाने के सीआइ सत्यपाल यादव, संतोष शर्मा, पुलिसकर्मी नरेंद्र कुमार, कैलाश, शानू चौधरी, राजंती टीम का हिस्सा रहे।
Published on:
27 Jun 2025 07:37 am
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