
जयपुर। पहले नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी के लागू होने के बाद प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी से गिरवाट के कारण मंदी का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद इस सेक्टर को देखते हुए राजस्थान सरकार की ओर से इस बजट राहत देने की कोशिश की गई है। तो वहीं इससे अब आम लोगों के लिए भी उनके सस्ते घर के सपने को भी संजीवनी प्रदान की गई है।
हालांकि चुनावाें काे देखते हुए राजस्थान बजट में राहताें की बाैछार की गर्इ है। तो वहीं रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देते हुए डीएलसी दरों में 10 फीसदी की कटैाती करने की घोषणा की है। जिससे आम लोगों के लिए घर और जमीन खरीदना अब पहले से सस्ता होगा। जबकि इसके साथ ही रजिस्ट्री के दरों में भी कमी आएगी। क्योंकि रजिस्ट्री का आधार डीएलसी है।
बजट पेश करते हुए प्रदेश की सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कुल 67 हजार EWS एंव LIG के आवासों का निर्माण हो चुका है। जबकि चार हजार 268 निर्माणधीन हैं। ऐसे में अगले साल के लिए डीएलसी रेट तय करने के लिए जिला स्तर समिति की बैठक नहीं होगी। साथ ही 10 फीसदी सलाना बढ़ोतरी भी नहीं होगी। बजट में घोषणा के दौरान सीएम आवास योजना के तहत EWS एंव LIG के लिए आवंटित आवासों के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी में कमी की गई है।
बता दें कि फिलहाल EWS एंव LIG आवासों पर क्रमश 2 और 3.5 फीसदी स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है। जिसे घटाकर इस बजट में एक फीसदी और 2 फीसदी की घोषणा की गई है। जबकि एग्रीमेंट से सेल डाक्यूमेंट की रजिस्ट्री शुल्क 10 हजार रुपए से घटाकर एक रुपए करने की घोषणा की गई है। तो वहीं ease of doing business के तहत building plan proposal को सफलतापूर्वक IT enabled किया है।
IT सेक्टर, मनोरंजन और पर्यटन क्षेत्र की ईकाइयों की स्थापना के लिए बहुमंजिला व्यावसायिक भवनों में स्पेस या फ्लोर खरीद पर देय स्टाम्प ड्यूटी में 50 फीसदी छूट दिया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर की हालात को देखते हुए 3000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के आवासीय एवं व्यवसायिक भूखंडों के मूल्यांकन पर 5 फीसदी अतिरिक्त रियायत देने की भी घोषणा बजट में की गई है।
Published on:
12 Feb 2018 05:39 pm
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