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राजस्थान उपचुनाव: अजमेर एवं अलवर में कांग्रेस-भाजपा में सीधा मुकाबला, मांडलगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला

राजस्थान की दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के उप चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है।

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rajasthan by election 2018

rajasthan by election 2018

जयपुर। राजस्थान की दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के उप चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन कुछ प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया, लेकिन मांडलगढ़ में कांग्रेस के बागी गोपाल मालवीय ने नाम वापस नहीं लिया, जिसकी वजह से यहां त्रिकोणी मुकबाले की स्थिति बन गई है। वहीं अलवर और अजमेर में कांग्रेस—भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा।

अजमेर लोकसभा उपचुनाव के लिए आज नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन तीन उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय सूत्रों के अनुसार अब कुल 23 उम्मीदवार मैदान में रह गए है। नामांकन वापस लेने वाले बेरोजगार एकीकृत महासंघ के निर्दलीय प्रत्याशी हरीशचंद त्रिपाठी ने कांग्रेस के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया।

दूसरे उम्मीदवार आनंदी प्रसाद निर्दलीय तथा तीसरे मसूदा के पीर मोहम्मद यह भी निर्दलीय ने अपना नाम वापस ले लिया। उपचुनाव में 23 उम्मीदवारों के मैदान में रहने से निर्वाचन विभाग के लिए नई कसरत शुरू हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार ईवीएम युक्त वीवीपेट मशीन पर नोटा के विकल्प सहित पंद्रह उम्मीदवारों के लिए प्रावधान है और आज की स्थिति में 23 उम्मीदवारों के मैदान में रहने के चलते वीवीपेट मशीन के डबल सैट मतदान केंद्रों पर स्थापित करने होंगे।

अलवर लोकसभा उप चुनावा में किसान नेता रामपाल जाट सहित चार उम्मीदवारों के नाम वापस लेने से ग्यारह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं तथा मुख्य मुकाबला कांग्रेस के डॉ. करण सिंह यादव तथा भाजपा के डॉ. जसवंत सिंह के बीच माना जा रहा है।

मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के बागी उम्मीदवार गोपाल मालवीय के डटे रहने से यहां मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया है। कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर तथा कई वरिष्ठ नेताओं के प्रयास के बावजूद गोपाल को समर्थकों ने घर से नहीं निकलने दिया तथा नाम वापसी का समय समाप्त हो गया। यहां छह उम्मीदवारों द्वारा नाम वापस ले लेने से भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों सहित आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

बहरहाल यह चुनाव विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल है, ऐसे में दोनों ही बड़ी पार्टियों ने जीत के लिए पूरी जान झोंक रखी है। जमकर प्रचार करने के साथ ही विभिन्न समाजों का समर्थन लिया जा रहा है। जीत किसकी होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल मांडलगढ़ सीट पर दोनों ही पार्टियों के मालवीय
मुसीबत बन सकते हैं।