
Rajasthan By Election Result: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को एकतरफा जीत मिली है। भाजपा के खाते में 5 और कांग्रेस व बीएपी के खाते में 1-1 सीट आई है। वहीं, खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल के हारने से विधानसभा में आरएलपी साफ हो गई है। जिन 7 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें से 4 कांग्रेस के पास थी, लेकिन वह सिर्फ एक पर ही जीत दर्ज कर पाई, 3 सीट कांग्रेस ने गंवा दी है।
1. राजस्थान की भजनलाल सरकार के मंत्री स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के चुनाव हारने पर अपनी मुछे मुंडवाने की शपथ ली थी। इसके बाद उनका यह बयान चर्चा का विषय बना था, अब यहां से बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने जीत दर्ज की है, जिससे अब मंत्री को मूंछ मुंडवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2. उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस प्रत्याशियों की 7 सीटों में से तीन सीटों पर जमानत जब्त हुई है। चौरासी, सलूंबर और खींवसर में कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। वहीं, चार सीटों पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही है।
3. राजस्थान में आदिवासी बेल्ट की दो सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हुए। उनमें सलूंबर और चौरासी में से केवल चौरासी सीट पर ही भारतीय आदिवासी पार्टी चुनाव जीत पाई। सलूंबर में कांटे के मुकाबले में बाप पार्टी हार गई।
4. राजस्थान में उपचुनाव के नतीजों के बाद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का विधानसभा में कोई विधायक नहीं होगा। साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी केवल हनुमान बेनीवाल ही एकमात्र विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। नागौर से सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था और यहां पर हुए उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को मैदान में उतारा था, जिनको इस बार हार का सामना करना पड़ा।
5. इस बार उपचुनाव के नतीजों के बाद विधानसभा में एक महिला विधायक की संख्या बढ़ जाएगी। सलूंबर से बीजेपी की महिला प्रत्याशी शांता देवी मीणा ने चुनाव जीता है।
6. राजस्थान में दो सीटिंग विधायकों की मौत के बाद दो सीटों पर उपचुनाव हुआ था। ऐसे में दोनों सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी ने उनके परिवार में से ही टिकट दी, लेकिन दोनों जगह में से एक ही जगह पर सहानुभूति कार्ड चला। सलूम्बर में पति के निधन के बाद उप चुनाव में उतरी शांता देवी को जीत मिली, जबकी रामगढ़ में पिता जुबेर खान की मौत के बाद चुनाव में उतरे उनके बेटे आर्यन खान चुनाव हार गए।
7. उपचुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प तथ्य ये भी रहा है कि सलूंबर में जीत हार का अंतर नोटा के वोटों से भी कम रहा। यहां नोट में 12400 से ज्यादा वोट डाले गए।
8. बीजेपी ने दौसा में 10 ईवीएम में रि-काउंटिंग की मांग की, जिसे तत्काल मान लिया गया, लेकिन रि-काउंटिंग में भी कांग्रेस प्रत्याशी डी सी बेरवा ही चुनाव जीते।
9. इस बार के नतीजो में सबसे छोटी जीत सलूंबर में बीजेपी की शांता देवी की रही, महज 12,00 वोटो से चुनाव जीती। जबकि झुंझुनू में सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज हुई। यहां बीजेपी के राजेन्द्र भांबू चुनाव जीते।
10. इस बार झुंझुनूं सीट कांग्रेस हार गई है। 21 साल बाद पार्टी ने यहां हार का स्वाद चखा है। इससे पहले 2003 में सुमित्रा सिंह यहां से जीती थीं। इसके बाद से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है। यह झुंझुनूं के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। यहां बीजेपी के राजेन्द्र भांबू चुनाव जीते।
गौरतलब है कि राजस्थान उपचुनाव की सभी सातों सीटों का परिणाम आ गया है, इनमें बीजेपी ने पांच सीटों (झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़) पर जीत का परचम लहराया है। वहीं, कांग्रेस को दौसा और बाप को चौरासी में जीत से संतोष करना पड़ा है। इन उपचुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है, क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनावों के समय इन सात सीटों में से कांग्रेस के पास चार, एक बीजेपी, एक बाप और एक आरएलपी के पास थी। अब परिणाम के बाद कांग्रेस केवल अपनी दौसा सीट बचा पाई है। कांग्रेस को रामगढ़, देवली-उनियारा और झुंझुनूं में हार का सामना करना पड़ा है। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को भी अपनी एक सीट गंवानी पड़ी है।
Updated on:
23 Nov 2024 08:34 pm
Published on:
23 Nov 2024 08:13 pm
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