
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में 132 केवी या उससे ज्यादा क्षमता की नई ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण पर पथाधिकार (आरओडब्ल्यू) से प्रभावित भूमि के बदले किसानों को दी जाने वाले मुआवजा नीति को स्वीकृति दे दी है। अब किसानों को ट्रांसमिशन लाइनों के पथाधिकार एवं टावर क्षेत्र में उपयोग मे आने वाली भूमि का समुचित मुआवजा मिल सकेगा। नीति में मुआवजे देने की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि नई नीति से प्रदेश में ट्रांसमिशन लाइन निर्माण कार्य तेज गति से हो सकेंगे।
कलक्टर या सब डिवीजन अधिकारी मुआवजा राशि का निर्धारण करेंगे। मुआवजा क्षेत्र की डीएलसी दर पर दिया जाएगा। टावर क्षेत्र के साथ चारों तरफ एक मीटर तक अतिरिक्त क्षेत्रफल की गणना कर डीएलसी दर का दोगुना तथा ट्रांसमिशन लाइन पथाधिकार गलियारे के पेटे डीएलसी की 30 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है।
Published on:
09 Nov 2024 09:54 am
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