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वर्तमान नहीं पूर्व होने की चिंता
सत्ता दल के विधायक ही नहीं, समर्थन दे रहे निर्दलीयों को वर्तमान नहीं पूर्व होने की चिंता सता रही है। इनका फोकस वर्तमान सुविधाओं की बजाय पूर्व विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं पर अधिक है। कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान परियोजना के शिलान्यास अवसर पर पूर्वी राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले विधायकों के बीच रोचक बातचीत चली। एक ने मासूमियत से पूछा कि क्या पूर्व विधायकों को भी यहां बेरोक-टोक आने-जाने दिया जाएगा। सभी हंस पड़े। अभी से पूर्व होने की चिंता सताने लगी। वर्तमान मिलने वाली सुविधाओं पर भले ही एकमत नहीं हों, लेकिन पूर्व विधायकों की सुविधाएं बढ़ाने के मामले में सब एक हैं।
राजनीतिक गलियारों में छाई रगड़ाई
राजनीतिक गलियारों में रगड़ाई शब्द छा गया है। प्रदेश के मुखिया ने पहले सियासी संकट के दौरान रगड़ाई का जिक्र किया था। अब एक बार फिर युवा राजनीतिज्ञों के लिए बोल दिया है। अभी ताजा-ताजा ही राजनीतिक नियुक्तियों की सूची भी जारी हुई थी। सियासी संकट के दौरान बाड़े में बंद हुए युवा विधायकों को ये शब्द अधिक रास आ रहा है। हुआ यों, पहली बार विधायक बने एक युवा नेता अपने हाथों के सहारे एक बुजुर्ग विधायक को विधानसभा के भीतर ला रहे थे। अंदर आते ही अन्य विधायकों के साथ खड़े होकर बोले, रगड़ाई करवा रहा हूं। बोले, रगड़ाई में कमी रह गई थी, इसलिए राजनीतिक नियुक्तिवाली वाली सूची से नाम बाहर रह गया।
लाइव में बैनर दिखाने और बचाने की कसरत
गम्भीर मुद्दों व माहौल के बीच मनोरंजन ढूंढना कोई भाजपा के विधायकों से सीखे। सदन की कार्यवाही के बीच विपक्ष का प्रदर्शन चल रहा था। रीट की जांच सीबीआइ से, के बैनर लहराए जा रहे थे। लाइव टेलीकॉस्ट में जैसे तैसे बस बैनर दिख जाए, भाजपा विधायक ये कसरत कर रहे थे। कैमरे की दिशा बदलती, तो विधायक भी अपनी दिशा बदल रहे थे। लाइव में बैनर दिख रहा है या नहीं, इसका अंदाजा सदन के भीतर लगे टीवी के जरिए हो रहा था। सदन से बाहर कैमरा कंट्रोल रूम में लाइव से बैनर को हटाने की कसरत चल रही थी। अगले दिन तो सदन के भीतर के टीवी बंद कर दिए गए, जिससे लाइव कैमरों की दिशा का पूरी तरह अंदाजा नहीं लगाया जा सके। तब जाकर कंट्रोल रूम कर्मियों को कुछ राहत मिली।
Published on:
16 Feb 2022 01:17 pm
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