खुले अधिवेशन में तमाम नेता गहलोत सरकार की योजनाओं उपलब्धियों और को लेकर अपनी बात रखेंगे। साथ ही सरकार में अगर कोई खामी है तो उस उस पर भी अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा साल 2023 में सरकार कैसे रिपीट हो इसे लेकर भी कार्यकर्ता अपने सुझाव देंगे।
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कार्यकर्ताओं के आए सुझावों का एक प्रस्ताव तैयार करके अधिवेशन के आखिर में प्रस्ताव को पास किया जाएगा और उसे सरकार को भेजा जाएगा। इसके मुताबिक अब आगे के 2 साल कांग्रेस कर्ताओं की सलाह से ही सरकार को अपना कामकाज करना होगा। गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वह जनता के बीच जाकर सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड ले और सरकार की योजनाओं को लेकर जनता में क्या प्रतिक्रिया है उसका भी फीडबैक लिया जाए। जिससे कि सरकार को वास्तविक स्थिति का पता चल सके।