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2022 तक आवास का सपना अधूरा, 3.41 का घर अभी भी नहीं पूरा !

- प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण इस वित्तीय वर्ष में अब हर महीने 56 हजार घरों की जिम्मेदारी  

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2022 तक आवास का सपना अधूरा, 3.41 का घर अभी भी नहीं पूरा !

2022 तक आवास का सपना अधूरा, 3.41 का घर अभी भी नहीं पूरा !

जयपुर. केंद्र-राज्य की साझेदारी से 2022 तक गांवों में सभी गरीबों को घर देने का सपना राज्य में अधूरा ही रह सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत प्रदेश में क्रियान्वयन की गति इतनी सुस्त है कि 2022-23 का वित्तीय वर्ष लगभग आधा बीतने के बाद भी 3.41 लाख आवास अधूरे ही पड़े हैं। जबकि सात वर्ष पहले इस योजना की शुरुआत के वक्त मौजूदा वर्ष तक सभी को आवास का लक्ष्य लिया गया था। राज्य के क्रियान्वयन को लेकर योजना के आंकड़ों की पड़ताल की तो सामने आया कि मार्च, 2023 तक केंद्र और राज्य सरकार को अपना लक्ष्य पूरा करना है तो प्रति माह करीब 56 हजार अधूरे आवास पूरे करने होंगे। लेकिन मकान बनाने की सुस्त चाल का नमूना यों सामने आता है कि जब ग्रामीण विकास विभाग ने जिलों पर सख्ती की तो भी 15 दिन में महज 1857 आवास ही पूरे हो पाए। ऐसे हालात में हर माह 56 हजार आवासों का निर्माण तो दूर की कौड़ी ही नजर आ रहा है।

हजारों को तो पहली किस्त भी नहीं जारी

राजस्थान में 2016 से लेकर अब तक 17.26 लाख आवासों की मंजूरियां जारी हुईं। लेकिन योजना के केंद्रीयकृत आंकड़े देखें तो मंजूरी के साथ ही जारी होने वाली आवास सहायता की पहली किश्त आज भी करीब अट्ठारह हजार लाभार्थियों को नहीं मिली है। तीसरी किश्त के इंतजार में तो तीन लाख से अधिक लाभार्थी आस लगाए बैठे हैं।

हाल-ए-आवास योजना

वर्ष- मंजूर आवास- अधूरे आवास2016-17 - 2.49 - 3315

2017-18 - 2.22 - 30492018-19 - 2.12 - 3359

2019-20 - 4.46 - 267992020-21 - 2.01 - 33214

2021-22 - 3.92 - 2.71
(आंकड़े लाखों में, गुरुवार तक की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार)