
Written By- Sharad Sharma
जयपुर। आजादी के बाद वर्ष 1950 में हमारे प्रदेश का नाम राजस्थान (Rajasthan) पड़ा था, लेकिन एक पूर्ण राज्य के रूप में 1 नवंम्बर 1956 को अस्तित्व में आया था। इस दौरान राजस्थान में 26 जिले बनाए गए थे। इसके बाद 67 साल में 24 नए जिले (New District) बनाए गए और अब राजस्थान में 50 जिले हो गए हैं। वर्तमान बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के गठन के बाद पहली बार एक साथ 19 नए जिले बनाने की घोषणा की है। गौरतलब है कि राजस्थान राज्य वर्तमान रूप में आने के 26 साल बाद 1982 में भरतपुर से अलग करके धौलपुर को प्रदेश का 27वां जिला बनाया गया था। इस दौरान भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी।
1991 में बने तीन जिले
प्रदेश में अप्रैल, 1991 को राज्य सरकार ने तीन नए जिले बनाने की घोषणा की। इसमें बारां को प्रदेश का 28 वां जिला, दौसा को 29वां और राजसमंद को 30वां जिला घोषित किया गया। इन जिलों में बारां को कोटा, दौसा को जयपुर और राजसमंद को उदयपुर से अलग कर नया जिला बनाया गया।
17 साल में बने तीन जिले
प्रदेश में 30 से 33 जिले बनने में करीब 17 साल लगे। इसमें जुलाई, 1994 में श्रीगंगानगर से अलग कर हनुमानगढ़ को प्रदेश का 31वां जिला बनाया गया। इसके करीब तीन साल बाद जुलाई, 1997 को सवाईमाधोपुर से अलग करौली को प्रदेश का 32वां जिला बनाया गया। इसके बाद करीब 11 साल बाद प्रतापगढ़ को प्रदेश का 33वां जिला बनाया गया। इसके लिए उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और बासवाड़ा से अलग—अलग भागों को जोड़ा गया था।
दूसरी बार टूटा जयपुर
नए जिले बनाने के लिए राजधानी जयपुर को दूसरी बार तोड़ा गया है। इससे पहले दौसा को जयपुर से अलग कर जिला बनाया गया था। अब जयपुर जिले को चार भागों में विभाजित कर जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, अजमेर रोड पर दूदू और दिल्ली रोड पर कोटपूतली को नया जिला बनाया गया है।
Published on:
17 Mar 2023 07:42 pm
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