
Photo- Manohar Lal X Handle
विद्युत मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को चंडीगढ़ में उत्तर भारत के राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन हुआ। केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहरलाल खट्टर की मौजूदगी में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बैटरी स्टोरेज और ट्रांसमिशन लाइन में सहयोग से लेकर कोयला आवंटन की जगह बदलने की जरूरत जताई। साथ ही गर्मी में संभावित ओवरलोडिंग से निपटने के लिए अतिरिक्त बिजली आवंटन की भी मांग की। मंत्री नागर ने खट्टर से अलग से भी बात की। उन्होंने राजस्थान को अतिरिक्त 5000 मेगावाट क्षमता के बैटरी स्टोरेज की मांग दोहराई।
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2030 तक ट्रांसमिशन लाइनों की क्षमता 115 गीगावाट करने का लक्ष्य दे रखा है। इसे डवलप करने की लागत करीब 27000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके लिए कम ब्याज पर लोन, आर्थिक सहयोग देने की जरूरत जताई। राजस्थान में तेजी से अक्षय ऊर्जा के प्रोजेक्ट लग रहे हैं, लेकिन इनके लिए उतनी क्षमता की ट्रांसमिशन लाइनें नहीं है।
राजस्थान के डिस्कॉम्स पर अभी करीब 95 हजार करोड़ रुपए का लोन है। ब्याज दर ज्यादा होने से लोन पूरा नहीं चुका पा रहे हैं, इससे लॉस और बढ़ता जा रहा है।
पावर प्लांट में ज्यादातर कोयला एनसीएल माइन्स से आ रहा है। ज्यादा दूरी होने के कारण परिवहन लागत ज्यादा पड़ रही है। इससे भी उत्पादन लागत बढ़ रही है। इसकी बजाय अतिरिक्त कोयला एचसीएल की माइन्स से आवंटन करें। इससे 30त्न लागत कम होगी।
Published on:
07 Jun 2025 07:39 am
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