लेकिन जब सरकार ने इसके लिए शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी तो पता चला कि पिछले साल के परिणाम के आधार पर करीब 25 प्रतिशत छात्राओं को स्कूटी वितरित नहीं की गई। सरकार द्वारा शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगे जाने से विभाग में हडकंप मच गया। विभाग ने स्कूटी वितरित नहीं करने पर मेघावी छात्राओं की तलाश शुरू कर दी है। जिससे बाकि बची हुई स्कूटीयों का वितरण किया जा सके।
इस योजना को सरकार की तरफ से पिछले साल की शुरू किया गया था। विभाग के द्वारा स्कूटी वितरण को लेकर कहा है कि हमें योग्य छात्राए नहीं मिली है। इसलिए पूरी स्कूटीयों का वितरण नहीं हो पाया। लेकिन मेघावी छात्राओें के परिजनों का कहना है कि आर्थिक पिछडा वर्ग और सामान्य वर्ग के लिए बेटियों से कब आवेदन लिए गए,इसके बारे में किसी को पता नहीं है।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग की जानकारी के बिना भी योग्य छात्राएं आवेदन नहीं कर पाई। योजना की 25 प्रतिशत स्कूटी वितरित नहीं होने पर विभाग ने सभी जिला के शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि शेष रही मेघावी छात्राओं से 10 जून तक आवेदन लिए जाएं और 15 जून तक आवेदनों को निदेशालय में भेजे।
इसके साथ ही पत्र में लिखा कि डीईओ को एक पत्र यह लिखकर भी भिजवाना होगा कि आर्थिक पिछडा वर्ग,सामान्य वर्ग की एक भी मेघावी छात्रा स्कूटी से वंचित नहीं है।जिससे सरकार को इसकी पूरी रिपोर्ट भेजी जा सके। मेघावी स्कूटी योजना के लिए दिसंबर 2017 में आवेदन मगाएं थे।लेकिन छह माह बाद भी स्कूटी वितरण पूरा नहीं हुआ। इसलिए शेष बची स्कूटीयों के लिए विभाग वितरण के लिए वापस प्रयास कर रहा है।