
जयपुर। प्याज ने अभी बिना कटे ही सभी के आंसू निकाल रखे हैं। प्याज के पसंदीदा लोगों के लिए प्याज की खूशबू लेना भी भारी पड़ रहा है। स्वाद के तडक़े से प्याज काफी दूर हो गया है। ऐसे में बढ़ती प्याज की पूर्ति को पूरा करने के लिए और प्याज उत्पादक किसानों को आर्थिक संबल देने के लिए राजस्थान में प्याज की खरीद प्रारम्भ कर दी गई है। 5 हजार मैट्रिक टन प्याज की खरीद मूल्य स्थिरीकरण कोष योजना के तहत नैफेड के लिए की जा रही है।
सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने कहा कि, राज्य में पहली बार एक साथ पांच कृषि उपज मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली एवं प्याज की खरीद की जा रही है जो एक कीर्तिमान है। प्रदेश में अलवर जिले में प्याज की खेती बहुतायत में की जाती है इसलिए अलवर स्थित क्रय-विक्रय सहकारी समिति द्वारा प्याज की खरीद की जा रही है। यहां लाल प्याज का उत्पादन काफी मात्रा होता है। समिति द्वारा 43 किसानों से 2875 रुपए से लेकर 3750 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज खरीदा गया है।
मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की भी की जा रही है खरीद
किलक के अनुसार, राज्य में समानान्तर रूप से मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली की भी समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। राज्य के एक लाख 48 हजार से अधिक किसानों से अब तक एक हजार 408 करोड़ रुपए से अधिक की खरीद की जा चुकी है तथा 90 हजार 335 किसानों को 843 करोड़ 38 लाख रुपए का ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है।
हाल ही प्रदेश के मौसम में आए बदलाव एवं बरसात को देखते हुए सभी खरीद केन्द्रों पर आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश भी जारी किए गए है। साथ उन्होंने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि भारत सरकार द्वारा तय समय सीमा में अधिक से अधिक किसानों से तय लक्ष्यों के अनुसार उनकी उपज को तुलवाया जा सके।
Published on:
08 Dec 2017 05:59 pm
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