
फोटो- एक्स हैंडल
Rajasthan News: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शाहरुख खान और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने भरतपुर में उनके खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। यह FIR एक कार मालिक की शिकायत पर दर्ज की गई थी। बता दें, FIR में हुंडई कंपनी की कथित रूप से खराब कार बेचने के आरोप में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और कंपनी के छह अधिकारियों को नामजद किया गया था।
दोनों अभिनेताओं ने इस FIR को रद्द करने की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में अंतरिम राहत प्रदान करते हुए FIR पर स्टे का आदेश जारी किया। मामले की अगली सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी।
दरअसल, भरतपुर के एक कार मालिक ने हुंडई कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कंपनी ने तकनीकी रूप से खराब कार बेची, जिसके कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। इस शिकायत में हुंडई के ब्रांड एंबेसडर के रूप में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण को भी शामिल किया गया था।
शिकायत के आधार पर भरतपुर पुलिस ने दोनों अभिनेताओं और कंपनी के छह अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इस FIR में आरोप लगाया गया था कि ब्रांड एंबेसडर होने के नाते शाहरुख और दीपिका ने कंपनी का प्रचार किया, जिसके कारण खरीदार गुमराह हुए।
शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की। उन्होंने अपनी याचिका में FIR को रद्द करने की मांग की, जिसमें तर्क दिया गया कि ब्रांड एंबेसडर के रूप में उनकी भूमिका केवल प्रचार तक सीमित थी और वे कंपनी के उत्पादों की तकनीकी गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
याचिका में यह भी कहा गया कि उनके खिलाफ दर्ज FIR तथ्यों पर आधारित नहीं है और इसे कानूनी रूप से टिकने योग्य नहीं माना जा सकता।
मंगलवार को जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस सुदेश बसंल की एकल पीठ के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान शाहरुख खान की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। सिब्बल ने कोर्ट के सामने दलील दी कि शाहरुख का कंपनी के उत्पादों की गुणवत्ता से कोई सीधा संबंध नहीं है और उनके खिलाफ FIR दर्ज करना अनुचित है।
दूसरी ओर, दीपिका पादुकोण की ओर से वकील माधव मित्र ने पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी मुवक्किल केवल एक ब्रांड एंबेसडर हैं और तकनीकी खामियों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना गलत है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सुदेश बसंल ने FIR पर स्टे लगाने का आदेश जारी किया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की है।
Published on:
10 Sept 2025 04:24 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
